महात्मा गांधी के परपोते राजमोहन ने कहा- न हिंसा करेंगे आैर सहेंगे भी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महात्मा गांधी के परपोते राजमोहन गांधी ने कहा कि डॉ. बाबासाहब अांबेडकर बड़े पराक्रमी व्यक्ति थे। समाज ने उन्हें चोट पहुंचाई। उनकी आवाज दबाने का प्रयास हुआ। फिर भी उन्होंने इस देश को समता पर आधारित संविधान दिया। सभी समाज, वर्ग के साथ न्याय किया। आज उसी संविधान पर हमला हो रहा है। सत्ताधारी हिंसा का रास्ता अपना रहे हैं। हम हिंसा नहीं करेंगे, परंतु हिंसा को सहेंगे भी नहीं। हम सब मिलकर इसका विरोध करेंगे। धनवटे नेशनल कॉलेज के प्रांगण में दक्षिणायन समास 2018 कार्यक्रम के दौरान वे बोल रहे थे। सेवाग्राम से दीक्षाभूमि रैली निकाल कर संविधान पर हो रहे हमले के विरोध में आवाज बुलंद की गई है।
देश में जोरजबरदस्ती का वातावरण
दीक्षाभूमि से मूक रैली धनवटे नेशनल कॉलेज पहुंचने पर समापन किया गया। राजमोहन गांधी ने कहा कि देश की समस्या अब बापू या आंबेडकर हल नहीं करेंगे। समस्याओं का हल करने के लिए अब हम और आप को ही लड़ाई लड़नी होगी। संविधान पर हमले हो रहे हैं। इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर लड़ने की आवश्यकता है। इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी प्रकाश आंबेडकर को संभालनी होगी। सब उनका पूरा साथ देंगे। देश में जोरजबरदस्ती का वातावरण चल रहा है। इससे देश का बहुसंख्यक तबका दुखी है और वे सभी हमारे साथ है। उनके दुखों को दूर करने हम सबका दायित्व है। इस लड़ाई को आगे बढ़ाने में समाज के सभी वर्गों से शामिल होकर योगदान देने की उन्होंने अपील की।
जिंदगी का यादगार दिन
राजमोहन गांधी ने कहा कि आज का दिन उनकी जिंदगी में यादगार रहेगा। पहले सेवाग्राम में बापू कुटी में गए। प्रकाश आंबेडकर भी मेरे साथ थे। वहां लोगों ने जो स्नेह दिखाया और आदर सत्कार किया। उसे देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई। हम दोनों ने वहां कुछ समय बिताया। बापू के बारे में मंथन किया। इसके बाद दीक्षाभूमि पहुंचे, जहां डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने दीक्षा ली थी। स्तुप में बैठक डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के बारे में मंथन किया। यहां भी लोगों ने वहीं स्नेह दिखाया। इस दिन को जिंदगी में भूल नहीं सकते।
Created On :   30 Jan 2018 10:34 PM IST