प्राकृतिक चिकित्सा के प्रसार में महात्मा गांधी का अहम योगदान : आयुष मंत्री

Mahatma Gandhis important contribution in spreading natural medicine: Ayush Minister
प्राकृतिक चिकित्सा के प्रसार में महात्मा गांधी का अहम योगदान : आयुष मंत्री
प्राकृतिक चिकित्सा के प्रसार में महात्मा गांधी का अहम योगदान : आयुष मंत्री
हाईलाइट
  • प्राकृतिक चिकित्सा के प्रसार में महात्मा गांधी का अहम योगदान : आयुष मंत्री

नई दिल्ली, 26 नवंबर(आईएएनएस)। केंद्र सरकार के आयुष एवं रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने 18 नवंबर 1946 को पुणे में ऑल इंडिया नेचर की ओर फाउंडेशन की स्थापना की थी। इसलिए आयुष मंत्रालय ने 2018 में 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि पुणे में 300 करोड़ बजट से नेचुरोपैथी अनुसंधान केंद्र और सुविधा युक्त चिकित्सालय बनाने की स्वीकृति दे दी गई है।

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के समय यह सभी लोग समझ गए हैं कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्राकृतिक चिकित्सा, योग, आयुर्वेद आदि आयुष पद्धतियों की मुख्य भूमिका है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा में संयम होना आवश्यक है। तभी हम प्रकृति के पांचों तत्व का प्रयोग हम कर पाएंगे। तीव्र रोग शरीर से हमारे विजातीय तत्व बाहर निकलते हैं। अत: हमें घबराना नहीं चाहिए। प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाना चाहिए।

गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मार्कण्डेय आहूजा ने कहा कि प्राकृतिक जीवन शैली हमारे जीवन का अंग है। यदि हम प्राकृतिक जीवन छोड़ते हैं तो बीमार होने लगते हैं। लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा से हम फिर से स्वस्थ होकर अपनी शक्ति प्राप्त करते हैं।

त्रिनिनाद से कार्यक्रम में वर्चुअल हिस्सा लेते हुए स्वामी बह्मदेव ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद हमारी जीवन शैली है। जिसका प्रभाव बढ़ रहा है। 2021 में आयुर्वेद का अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार कराया जाएगा। अध्यक्षता प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय ने की। नवयोग सूर्योदय सेवा समिति के संस्थापक डॉ. नवदीप जोशी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार के माध्यम से जन-जन तक प्राकृतिक चिकित्सा को फैलाने का अच्छा प्रयास किया गया है। राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता में 28 राज्यों से 553 लोगों ने भाग लिया। 18 अक्टूबर से चल रहे अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में 3 लाख से अधिक लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें 20 विश्वविद्यालयों के कुलपति, देश-विदेश के 80 प्राकृतिक चिकित्सक और विद्वान उपस्थित हुए।

एनएनएम/एसजीके

Created On :   27 Nov 2020 12:31 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story