हिरासत में लिए गए मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति, भारत में अवैध प्रवेश की कोशिश नाकाम
- अदीब समुद्री मार्ग से ‘वीर्गो-9’ टग बोट में तूतीकोरिन पोर्ट पर पहुंचे थे
- मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति को भारतीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया
- वह अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे
डिजिटल डेस्क, मधुराई। मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब अब्दुल गफ्फूर को गुरुवार को भारतीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। अदीब समुद्री मार्ग से ‘वीर्गो-9’ टग बोट के जरिए तूतीकोरिन पोर्ट पर पहुंचे थे। वह अवैध रूप से भारत में प्रवेश करना चाहते थे। भारतीय विदेश मंत्रालय अब अदीब के बारे में जानकारी जुटा रहा है और जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही है।
पूर्व उपराष्ट्रपति जिस टगबोट (जहाजों को खींचने या धकेलने वाले जहाज) में यात्रा कर रहे थे वो बजरी अनलोड करने के बाद मालदीव से लौट रही थी। जब नौ जुलाई को टगबोट मालदीव के लिए रवाना हुई तो इसपर पर नौ क्रू मेंबर थे। चालक दल में एक भारतीय जिसका नाम बॉस्को और आठ इंडोनेशियाई थे। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिंगापुर में रजिस्टर्ड टगबोट ने 27 जुलाई को 10 लोगों के साथ वापसी की यात्रा शुरू की। भारतीय चालक दल के सदस्य ने नए यात्री के बारे में टगबोट के एजेंट को बताया।"
एजेंट के सतर्क किए जाने पर, कोस्ट गार्ड और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने टगबोट पर सवार 37 वर्षीय अहमद अदीब को हिरासत में ले लिया। सूत्रों ने कहा कि अदीब और टगबोट पर सवार अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। भारतीय अधिकारी ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसकी मदद से पूर्व उपराष्ट्रपति इस बोट में सवार हुए और वह कहा जा रहे थे। तूतीकोरिन बंदरगाह से कुछ दूरी पर अदीब को हिरासत में लिया गया है।उस पर सवार हो गए और 37 वर्षीय अहमद अदीब को बर्खास्त कर दिया, जो 22 जुलाई से 5 नवंबर, 2015 तक मालदीव के उपाध्यक्ष थे।
अधिकारियों ने कहा कि अदीब का अनाधिकृत रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश करना अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय है। इससे भारत और मालदीव के बीच संबंध प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति के पास मालदीव से वीजा और आवश्यक मंजूरी है या नहीं, यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है। अधिकारियों ने कहा कि वे या तो उन्हें मालदीव भेज देंगे या मालदीव सरकार से परामर्श करेंगे।
बता दें कि सितंबर 2015 में मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की हत्या करने के आरोप में अदीब को बर्खास्त कर दिया गया था और गिरफ्तार कर लिया गया था। एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 2016 में उन्हें 15 साल की जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि, मई 2019 में उनकी सजा को रद्द कर दिया गया। इस साल जून में, अदीब का आंखों की समस्या के चलते पुणे के एक अस्पताल में इलाज किया गया था।
Created On :   1 Aug 2019 8:29 PM IST