मालदीव ने चीन से बढ़ाई दोस्ती, भारत से कहा- वापस बुलाओ अपने हेलीकॉप्टर और सेना
- 2 हेलीकॉप्टर के अलावा भारत के 50 सैनिक मालदीव में तैनात है।
- मालदीव ने कहा
- हमें अब इसकी जरुरत नहीं है।
- मालदीव ने भारत को अपनी सेना और हेलीकॉप्टर से वापस बुला लेने को कहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन से मदद ले रहे मालदीव ने भारत को अपनी सेना और हेलीकॉप्टर वापस बुला लेने को कहा है। मालदीव और भारत के बीच जून में करार खत्म हो गया है, जिसकी वजह से मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने गुरूवार को ये आदेश दिया। बता दें कि भारत दशकों से हिंद महासागर द्वीप श्रृंखला के छोटे देशों में स्थिरता बनाए रखने के लिए सेना समेत तमाम तरीके की मदद देता आ रहा है।
शुक्रवार को मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने दिल्ली में कहा कि भारत जून में खत्म चुके एक अनुबंध को देखते हुए अपने तैनात किए जवानों और सैन्य हेलीकॉप्टरों को वहां से हटा ले। अहमद ने कहा कि भारत की तरफ से हमें दो हेलीकॉप्टर दिए गए थे। दोनों हेलीकॉप्टरों का उपयोग मुख्य रूप से मेडिकल से संबंधित राहत-बचाव के लिए होता था। पहले हमारे लिए भारत द्वारा दिए गए ये हेलीकॉप्टर बेहद उपयोगी थे, लेकिन पर्याप्त बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विकास के साथ अब हमारे पास खुद पर्याप्त साधन हैं। हमें अब इसकी कोई जरूरत नहीं है।
मोहम्मद ने कहा कि हालांकि भारत और मालदीव अभी भी प्रत्येक महीने मालदीव के विशेष आर्थिक जोन में संयुक्त गश्त कर रहे हैं। मालदीव भारत से 400 किलोमीटर दूर है और भारत तथा मध्य पूर्व के बीच ये सबसे बड़ा बंदरगाह है। दो हेलीकॉप्टर के अलावा भारत के 50 सैनिक भी वहां पर तैनात है। इसमें पायलट और नौसेना के जवान शामिल हैं। इन सैनिकों के वीजा भी खत्म हो चुके है, लेकिन सरकार ने उन्हें अब तक वापस नहीं बुलाया है।
हिंद महासागर में वर्चस्व की जंग में भारत और चीन दोनों मालदीव पर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहते हैं। बीजिंग वहां सड़क, पुल और बड़े एयरपोर्ट बना रहा है, जबकि भारत वहां दशकों से सैन्य और नागरिक सहायता उपलब्ध कराता रहा है। ऑब्जर्वर्स रिसर्च फाउंडेशन के अभिजीत सिंह ने कहा कि भारतीय हेलीकॉप्टर उस जगह के नजदीक हैं, जहां चीन की मौजूदगी है। उन्हें हेलीकॉप्टर से उतनी दिक्कत नहीं है, उन्हें दिक्कत ये है कि वहां जवान हैं।
Created On :   10 Aug 2018 10:29 PM IST