इस्लाम सभी धर्मों का मालिक होगा, हिंदुत्व पर करेगा विजय: जाकिर नाईक

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से जाकिर नाईक के विवादित भाषणों के टेप ने खलबली मचा दी है। घाटी के कुछ केबल ऑपरेटर और चैनल इसे प्रसारित भी कर रहे हैं। बता दें कि इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के टीवी चैनल (पीस टीवी) पर भले ही प्रतिबंध लगा हुआ हो, लेकिन फिर भी कुछ केबल ऑपरेटर विवादित बयानों से भरे वीडियो को चलाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
एक अंग्रेजी चैनल के मुताबिक जम्मू कश्मीर के दो केबल ऑपरेटर ऐसा कर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इनमें से एक ‘जे के चैनल’ भाजपा नेता के करीबी सुभाष चौधरी का है और दूसरा ‘टेक वन’ पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के करीबी नेता देवेंद्र सिंह राणा का है। एक डिबेट में इस्लामिक जानकार डॉ. सैयद रिजवान अहमद ने कहा कि "दुनिया जाकिर नाईक को जो समझती हो समझे मगर हर एक मुसलमान के लिए नाईक हीरो है। उन्होंने कहा कि 99 फीसदी मुस्लिमों के लिए जाकिर नाईक एक हीरो है।"
सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने जाकिर नाइक के विवादित प्रवचन दिखाने वाले पीस टीवी पर बैन लगा रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में दिखाए जा रहे एक वीडियो में जाकिर को कहते हुए सुना जा रहा है कि "इस्लाम सभी धर्मों का मालिक होगा। इस्लाम इसाइयत, यहूदी और हिंदुत्व पर विजय हासिल करेगा।" गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसी साल जुलाई में जाकिर नाईक को भगोड़ा घोषित किया था और उसकी सम्पत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
बता दें कि नाइक के खिलाफ एनआईए आतंकवाद एवं धनशोधन आरोपों के तहत जांच कर रही है। नाइक एक जुलाई 2016 को तब भारत से भाग गया था जब पड़ोसी देश बांग्लादेश में ढाका हमले में गिरफ्तार आतंकवादियों ने बताया था कि उन लोगों को जाकिर नाईक के भाषणों से जिहाद शुरू करने की प्रेरणा मिली थी। एक ऑनलाइन पोर्टल ‘मिडल ईस्ट मॉनिटर’ के अनुसार नाइक को सऊदी अरब ने पहले ही नागरिकता प्रदान कर दी है।
टेरर फंडिग का भी आरोप
जाकिर नाईक के संगठन पर आरोप है कि उसे विदेश से पैसा मुहैय्या कराया जाता है। जिसका इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों और युवाओं को आतंक की तरफ खींचने के लिए किया जाता था। उनसे बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलवाया जाता है। एनआईए ने 18 नवम्बर 2016 को अपनी मुंबई शाखा में विवादास्पद प्रचारक नाइक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस्लामिक फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
Created On :   20 Oct 2017 7:52 PM IST