मोदी, जिनपिंग ने शोर मंदिर का भ्रमण किया
मामल्लपुरम (तमिलनाडु), 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। महाबलीपुरम के प्रमुख तीर्थ स्थल शोर मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंदिर में स्थित तीन स्थल देखे, जिनमें दो भगवान शिव और एक भगवान विष्णु को समर्पित है। 700-728 ईस्वी के दौरान समुद्र के निकट निर्मित शोर मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इसके बाद दोनों नेताओं ने शोर मंदिर के पास छात्रों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कार्यक्रम का आनंद लिया।
शोर मंदिर में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। इससे पहले मोदी और जिनपिंग ने पंचरथ और अर्जुन तपस्या स्थल देखे।
इससे पहले मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को पंचरथ, अर्जुन तपस्या स्थल का भ्रमण कराया। इस दौरान मोदी ने जिनपिंग को इन स्थलों के महत्व के बारे में बताया। पंचरथ को ठोस चट्टानों को काटकर बनाया गया है। पंचरथ के बीच में एक विशाल हाथी और शेर की प्रतिमाएं स्थापित हैं। अर्जुन तपस्या स्थल महाबलीपुरम के शानदार स्मारकों में से एक है।
मोदी और जिनपिंग ने साथ में पंचरथ का भ्रमण किया। महाभारत के पात्रों के नाम पर पंचरथ बनाया गया है। माना जाता है कि यहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी। यद्यपि पांच पांडव भाइयों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और उनकी पत्नी द्रौपदी के अलावा भारतीय महाकाव्य महाभारत के साथ इस स्थान का कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है।
मोदी ने जिनपिंग को उस जगह से अवगत कराया, जहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी। यहां एक बड़े शिलाखंड पर हिंदू देवताओं के अलावा शिकारियों, ऋषियों, जानवरों के चित्र उकेरे गए हैं।
कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था। इस पंचरथ को अद्भुत वास्तुकला के लिए अपूर्व माना जाता है। मोदी और शी पंचरथ देखने के बाद कुछ देर विश्राम के लिए बैठे। इस दौरान भी मोदी कुछ कहते नजर आए और जिनपिंग गंभीरता से उन्हें सुनते दिखे।
विश्राम के दौरान मोदी और जिनपिंग को नारियल पानी दिया गया। इस दौरान मोदी ने खुद अपने हाथों से नारियल का पानी और टिशू शी को बढ़ाया। इस दौरान दोनों नेताओं ने नारियल पानी का लुत्फ उठाया।
Created On :   11 Oct 2019 9:30 PM IST