'सीरिया में बच्चों की मौत लोगों के लिए मायने नहीं रखती क्योंकि यह लंदन-पेरिस नहीं है'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीरिया के पूर्वी घोउटा क्षेत्र में पिछले 7 दिनों से भयंकर बमबारी जारी है। विद्रोहियों के कब्जे वाले इस इलाके में इस बमबारी से अब तक 500 से ज्यादा मौतें हो गई हैं। इनमें 120 से ज्यादा बच्चे शामिल हैं। गृह युद्ध में मासूम बच्चों की मौतों पर पूर्व इंडियन क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि बेकसूर मासूमों की मौत पर अब तक दुनिया के देशों ने ध्यान नहीं दिया है क्योंकि मौतें सीरिया में हुई है, लंदन या पेरिस में नहीं।
कैफ ने मंगलवार को इस बमबारी पर गुस्सा जाहिर करते हुए ट्वीट किया। खुन से भरी सड़क का फोटो ट्वीट करते हुए कैफ ने लिखा, "ये खून की नदी सीरिया में है। ज्यादातर लोगों के लिए यह मायने नहीं रखती क्योंकि ये लंदन या पेरिस नहीं है। मैं यहां मासूम बच्चों की मौत पर बिखरा हुआ महसूस कर रहा हूं। एक बच्चे का अकाउंट देखा। वह कह रहा है, मौत का इंतजार नहीं कर सकता क्योंकि भगवान के पास हमारे लिए खाना रखा है।"
This is a river of blood in Syria. But it won’t make much of a difference to most , as it is not London or Paris. Feel devastated by the killing of innocent children.
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) February 27, 2018
Heard an account of a child saying “ Can’t wait to die because God has food for us” pic.twitter.com/FMMVGfQNfU
बता दें कि विद्रोहियों के कब्जे से घोउटा क्षेत्र को मुक्त कराने के लिए सीरिया का बशर अल असद सरकार यहां बमबारी कर रही है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सीरिया में 30 दिनों के संघर्षविराम पर तत्काल अमल की मांग की है, लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रपति असद की सेनाएं लगातार हमले कर रही हैं। बता दें कि सीरिया की असद सरकार को रूस का समर्थन हासिल है।
सीरिया में पिछले 6 साल से चल रहा है गृह युद्ध
इन लोगों के बीच जारी है जंग
1) सेना, जो बशर अल असद की सरकार के समर्थन में है।
2) विद्रोही, जो नहीं चाहते असद की सरकार रहे।
3) एक समूह, जो इस्लामिक स्टेट के नाम से जाना जाता है।
कहां से शुरू हुई पहली लड़ाई
सीरिया की इस खूनी जंग की शुरुआत साल 2011 में एक सीरियाई शहर "डेरा " से हुई। दरअसल यहां के 15 बच्चों को दीवार पर "एंटी गवर्मेंट ग्राफिटी" यानी सरकार के खिलाफ लिखने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बात पर नाराज स्थानीय लोगों ने सरकार का विरोध किया। ये विरोध शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा था। इसमे बच्चों को बरी करने की मांग रखी गई थी। लेकिन सेना ने 18 मार्च 2011 में इन लोगों पर गोलियां बरसाई। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस बात पर लोगों का गुस्सा बढ़ गया और ये विरोध बड़ी तेजी से देश भर में फैल गया। दरअसल यही घटना इस लंबे गृह युद्द का तात्कालिक कारण भी बनी।इसके बाद सीरियाई जनता ने राष्ट्रपति बशर अल असद को उनके पद से इस्तीफा देने की मांग की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसी के बाद सीरिया में गृह युद्ध छिड़ गया।
जंग में कैसे हुआ शामिल इस्लामिक स्टेट
सीरिया में गृह युद्ध के दौरान कई समूह बने। कुछ सरकार की तरफ थे और कुछ विरोध में। 2011 में इस्लामिक स्टेट के समूह ने असद के विरोध में विद्रोह किया, जहां इनको बड़ी आसानी से हथियार मिल जाते थे। ये वो चरमपंथी समूह था जिसकी सोच काफी कट्टर थी। इस्लामिक स्टेट अपनी रूढ़ीवादी सोच, विचार और उद्देश्य सभी पर थोपना चाहते थे। 2014 में उन्होंने इराक का भी आधे से ज्यादा हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया था। इस्लामिक स्टेट के इस बढ़ते दखल के बाद सरकार और विद्रोहियों को अपनी गलती का एहसास हुआ और दोनों आपस में लड़ना छोड़कर आईएस के खिलाफ लड़ने लगे।
सीरिया पर हुआ इस जंग का भयानक असर
सीरिया में जारी इस सिविल वॉर के बीच लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे देशों में शरणार्थी बनना पड़ा। कई लोग पड़ोसी देशों, जैसे- जॉर्डन, लेबनान और टर्की में जाकर शरण लेने लगे। वहीं कई लोग यूरोपीय देशो की ओर भी जाने लगे और वहां जाकर शरण ली।
जंग में जब केमिकल वेपन्स का हुआ इस्तेमाल
इंटरनेशनल कानून के अनुसार किसी भी जंग में केमिकल वेपन्स इस्तेमाल करने की मनाही है। लेकिन 2013 में सीरिया में केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया गया था। 2013 सितम्बर को अमेरिका और रूस के बीच एक संधि हुई, जिसमें कहा गया कि सीरिया को अपने सारे केमिकल वेपन्स नष्ट करना होगा। जिससे कि उनका कभी इस्तेमाल न हो पाए। इसकी प्रक्रिया अक्टूबर 2013 को शुरू कर दी गयी थी और जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर काम किया था उन्हें नोबेल पीस प्राइस से सम्मानित किया गया।
लेकिन 2017 में फिर से केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया गया। जिसका इल्जाम असद की सरकार पर लगाया गया। हालांकि सीरिया की सरकार ने इससे मना कर दिया। आखिरकार अमेरिकी सेना ने सीरिया पर मिसाइल से अटैक कर दिया।
Created On :   27 Feb 2018 1:11 PM GMT