नाबालिग बेटी से छेड़छाड़, कोर्ट में मां बोली- नहीं चाहिए इंसाफ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़के द्वारा नाबालिग लड़की के साथ की गई छेड़छाड के मामले को रद्द कर दिया है। लड़की की मां ने अदालत से अनुरोध किया कि यदि यह मामला जारी रहता है तो उसकी लड़की को कोर्ट व पुलिस के चक्कर लगाने पड़ेंगे। जो मेरी नाबालिग बेटी को मानसिक आघात दे सकता है, इसलिए मामले को रद्द कर दिया जाए।
मामले से जुड़े दोनों नाबालिग बच्चे एक डांस शिविर में गए थे। जहां नाबालिग लड़की ने फोन पर अपनी मां को बताया कि डांस में आए एक लड़के ने उसे अनुचित तरीके से स्पर्श किया है। बेटी से मिली इस जानकारी के बाद लड़की की मां ने 16 अप्रैल 2017 को नाबालिग लड़के के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। शिकायत पर गौर करने के बाद पुलिस आरोपी नाबालिग लड़के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व पास्को कानून की धारा आठ के तहत मामला दर्ज किया। इस बीच नाबालिग लड़के व नाबालिग लड़की की मां ने आपसी सहमति के तहत मामले को रद्द करने का निर्णय किया। इसके तहत लड़के के पिता करीम सोमानी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
"बेटी के हित में मामले को रद्द किया जाए"
जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस नितिन सांब्रे की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षकारों की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने कहा कि हमारे मुवक्किलों ने मामले को सामाप्त करने का फैसला किया है। इस लिहाज से इस मामले को प्रलंबित रखने का कोई मतलब नहीं है। लड़की की मां ने बेंच के सामने कहा कि यदि यह मामला प्रलंबित रहता है तो उनकी बेटी को पुलिस स्टेशन व कोर्ट जाना पड़ेगा। जो मेरी बेटी के लिए एक तरह का मानसिक आघात साबित हो सकता है। इसलिए मेरी बेटी के हित में मामले को रद्द कर दिया जाए। सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस ने इस प्रकरण को लेकर आरोपपत्र दायर कर दिया है। मामले से जुड़े तथ्यों व लड़की की मां की ओर से किए आग्रह को स्वीकार करते हुए बेंच ने मामले को रद्द कर दिया।
Created On :   31 Dec 2017 6:39 PM IST