घरों में काम करने वालों की सेवाओं में कटौती की योजना नहीं बना रहे अधिकतर लोग
नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद भारत में अधिकांश लोग घरेलू सेवाओं में कटौती करने की योजना नहीं बना रहे हैं। यह बात बुधवार को आईएएनएस सीवोटर इकोनॉमिक बैटरी वेव सर्वे में सामने आई है।
सीवोटर ट्रेकर: इकोनॉमिक बैटरी-4 के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों में 60.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इन सेवाओं का लाभ उठाते रहेंगे।
ये प्रतिक्रियाएं इस सवाल पर थीं कि क्या लोगों की उनके घरों में ली जा रही सेवाओं में कटौती करने की योजना है या नहीं।
इन सेवाओं में घरेलू मदद, ड्राइवर और खाना बनाने वाली सेवाएं शामिल हैं।
हालांकि 39.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इन सेवाओं में कटौती करने की योजना भी बनाई है।
शहरी क्षेत्रों में 64.9 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ऐसी सेवाओं को जारी रखने का विकल्प चुना, जबकि 35.1 प्रतिशत लोगों ने उनका लाभ नहीं उठाने की योजना बनाई है।
उम्र, लिंग, आय, शिक्षा और स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के अलावा 74.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने इन सेवाओं का लाभ उठाया, जबकि 25.8 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इसके अलावा, जिन लोगों ने इन सेवाओं में कटौती करने का विकल्प चुना था, उन्होंने बताया कि वित्तीय बाधाओं के कारण 5.6 प्रतिशत और स्वच्छता के कारण 4.5 प्रतिशत सेवाओं की कटौती करनी पड़ी।
उल्लेखनीय रूप से अर्ध-शहरी क्षेत्रों के 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने वित्तीय बाधाओं का हवाला दिया, इसके बाद शहरी क्षेत्रों में 5.1 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 3.5 प्रतिशत ने यही कारण बताया।
सुरक्षात्मक पहलुओं पर गौर करते हुए कुल 7.8 प्रतिशत शहरी उत्तरदाताओं ने स्वच्छता के आधार पर इन सेवाओं का लाभ नहीं उठाने का फैसला किया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 5.1 प्रतिशत और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 1.2 प्रतिशत ने इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इसके साथ ही 68.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 के प्रकोप से पहले भी इन सेवाओं का लाभ नहीं उठाया था।
Created On :   10 Jun 2020 9:01 PM IST