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बयान: मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो विधायकों ने किया CAA का समर्थन, शिवराज सिंह बोले- धन्यवाद

हाईलाइट
- मप्र : सीएए पर कांग्रेस के 2 विधायकों के बयानों ने पार्टी को मुश्किल में डाला
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रही है, मगर मध्य प्रदेश के दो कांग्रेस विधायकों के बयानों ने इस मुद्दे पर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। राज्य के दो कांग्रेस विधायकों ने अपने-अपने तरह से CAA का समर्थन किया है। मंदसौर जिले के सुवासरा से विधायक हरदीप सिंह डंग ने कहा है, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों के दुखी लोगों को भारत में सुविधा मिलती है तो उसमें बुराई क्या है। उन्होंने CAA और NRC को अलग-अलग देखने की बात कही है।
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी CAA पर राजनीति बंद करने की सलाह देते हुए ट्वीट किया, नागरिकता कानून की राजनीति बंद करो। अब तो मुसलमान भी कह रहे हैं कि बंद करो। वे कह रहे हैं कि हमारे रोजगार की व्यवस्था करो। रस्सी को ज्यादा खींचने से वह टूट जाती है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके हरदीप सिंह डंग को धन्यवाद दिया है। यही नहीं उन्होंने बाकी नेताओं को भी CAA पड़ने की नसीहत दी।
कांग्रेस विधायक श्री हरदीप सिंह डंग ने #CAA को पढ़ा और ढंग से समझा, इसके लिए उनको धन्यवाद।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 12, 2020
कांग्रेस के बाकी नेताओं से मेरा अनुरोध है कि श्री हरदीप सिंह डंग से सीख लें। कम से कम एक बार #CAA के बारे में पढ़ लें। इसमें गलत कुछ नहीं है। पढ़ें, समझें और श्री डंग को फॉलो करें।
लक्ष्मण सिंह इससे पहले भी दिसंबर माह में सीएए का समर्थन करते हुए ट्वीट कर चुके हैं, राष्ट्रीय नागरिकता कानून संसद में पारित हो चुका है। सभी दलों ने अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं। इस विषय पर ज्यादा टिप्पणी, बयान व्यर्थ हैं। इसे स्वीकार करो और आगे बढ़ो।
ज्ञात हो कि कांग्रेस हाईकमान से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ खुले तौर पर सीएए का विरोध कर रहे हैं। कमलनाथ ने तो इसे राज्य में लागू न करने का ऐलान कर दिया है। इस बीच दो विधायकों का परोक्ष रूप से सीएए के समर्थन में आए बयानों ने कांग्रेस के सामने समस्या खड़ी कर दी है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।