मैसूर विश्वविद्यालय का अफगान छात्रों को आश्वासन, कहा - हम करेंगे रक्षा
- कर्नाटक में मैसूर विश्वविद्यालय अफगान छात्रों के लिए केयरटेकर बना
डिजिटल डेस्क, मैसूर। कर्नाटक में मैसूर विश्वविद्यालय ने यहां पढ़ रहे अफगानिस्तान के छात्रों को आश्वासन दिया है कि जब तक उनके देश में चीजें ठीक नहीं हो जाती, तब तक यह उनके केयरटेकर के रूप में कार्य करेगा। मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति जी. हेमंत कुमार ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह अफगानिस्तान के छात्रों की दुर्दशा से प्रभावित थे, जो पढ़ाई के लिए भारत आए थे, लेकिन यहां फंसे हुए हैं।
कुलपति ने कहा, टेलीविजन पर छवियां भयानक हैं। अफगानिस्तान में जो हो रहा है हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते। हम यहां पढ़ रहे अफगान छात्रों की रक्षा करेंगे। वे विश्वविद्यालय परिसर में रह सकते हैं और विश्वविद्यालय उनका कार्यवाहक होगा। उन्होंने अफगान छात्रों से कहा कि वे अपनी मुश्किलें साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे तब तक रुक सकते हैं जब तक उनका वीजा समाप्त नहीं हो जाता है और जिन छात्रों का वीजा जल्द ही समाप्त हो जाएगा, वे विस्तार के लिए अधिकारियों से बात करेंगे।
विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सितंबर में शुरू होंगी, इसलिए विश्वविद्यालय के कुलपति ने अफगान छात्रों को परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। वी-सी हेमंत कुमार ने मंगलवार को अफगानिस्तान के छात्रों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। छात्र समुदाय ने विश्वविद्यालय और कर्नाटक सरकार को उनके मानवीय इशारे के लिए धन्यवाद दिया है।
उन्होंने कहा, मैं हमेशा विदेशी छात्रों के संपर्क में रहता हूं। मैं इंटरनेशनल सेंटर का निदेशक रहा हूं। वे अपने माता-पिता को छोड़कर यहां पढ़ाई के लिए आते हैं और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। अफगानिस्तान के 92 छात्र मैसूर विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं, जिनमें से 15 अफगान छात्र धारवाड़ कृषि विश्वविद्यालय में कृषि में पीएचडी और एमएससी कर रहे हैं।
(आईएनएस)
Created On :   18 Aug 2021 3:01 PM IST