झारखंड में नई सरकार ले रही धड़ाधड़ फैसले

New government is taking big decisions in Jharkhand
झारखंड में नई सरकार ले रही धड़ाधड़ फैसले
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रांची, 17 जनवरी (आईएएनएस)। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बने 18 दिन गुजर हुए हैं, इस दौरान भले ही मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया हो, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत ने धड़ाधड़ कई अहम फैसले लिए हैं।

सरकार बनने के बाद पहली और एकमात्र हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पत्थलगड़ी मामले को लेकर दर्ज सभी मामले वापस लेने के निर्णय लिए हैं।

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ अन्य तीन विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है।

हेमंत ने कैबिनेट की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर इसके संकेत दे दिए कि आने वाले समय में सरकार कठोर निर्णय लेने से भी नहीं हिचकेंगे। सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की पहली बैठक में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी एक्ट) में संशोधन के विरोध करने तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया।

इसके अलावा, बैठक में विभिन्न विभागों में जितनी भी रिक्तियां हैं, उन्हें भी जल्द भरने का निर्देश दिया गया। महिलाओं तथा अवयस्कों के विरुद्ध हो रहे यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों की शीघ्र सुनवाई के लिए सभी जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन का निर्णय लिया गया।

कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार के प्रतीक चिह्न् को भी बदलने का निर्णय लिया गया।

इसके अलावा भी हेमंत ट्विटर पर मिल रही शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने धनबाद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों पर से राजद्रोह का मुकदमा वापस लेने का फैसला भी लिया है।

उन्होंने आदेश दिया है कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ धनबाद में प्रदर्शन करने वाले 3000 लोगों पर लगे राजद्रोह के मामले वापस लिए जाएं, साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई।

इस क्रम में हेमंत ने ट्वीट कर लिखा, कानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज दबाने के लिए नहीं, बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है। मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में कानून जनता की आवाज को बुलंद करने का कार्य करेगी। धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के साथ साथ दोषी अधिकारी के खिलाफ समुचित करवाई की अनुशंसा कर दी गई है।

इधर, झारखंड में सरकार बदलते ही पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ भी अनियमितता बरतने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज की गई है।

पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2017 में आयोजित मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगा है। इसे लेकर जनसभा नामक संस्था ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास व कई बड़े पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की शिकायत की है।

एसीबी को सौंपी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मोमेंटम झारखंड में बिना कैबिनेट की स्वीकृति लेकर बजट बढ़ाकर राशि की बंदरबांट की गई।

एसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य भी कहते हैं कि सरकार नियम सम्मत चल रही है। इसमें जो भी कानूनी पहलू सामने आ रही है, उसके तहत फैसला लिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि एसीबी में शिकायत किए जाने के बाद रघुवर दास ने भी कहा कि सरकार पूरे मामले में जांच करवा सकती है। सांच को आंच क्या।

Created On :   17 Jan 2020 9:30 PM IST

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