हार की जिम्मेदारी वाले बयान पर गडकरी की सफाई, बोले- तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया

nitin gadkari says his recent statement had no political reference
हार की जिम्मेदारी वाले बयान पर गडकरी की सफाई, बोले- तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया
हार की जिम्मेदारी वाले बयान पर गडकरी की सफाई, बोले- तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया
हाईलाइट
  • नितिन गडकरी ने विधानसभा चुनाव में हुई हार की जिम्मेदारी वाले बयान पर सफाई दी है।
  • गडकरी ने इशारों में पीएम मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह पर निशाना साधा था।
  • गडकरी ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

डिजिटल डेस्क, पुणे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हुई हार की जिम्मेदारी वाले बयान पर सफाई दी है। रविवार को उन्होंने कहा कि "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। गडकरी ने कहा कि जो उन्होंने कहा ही नहीं, उसका श्रेय उन्हें नहीं दिया जाना चाहिए। बता दें कि पुणे में एक बैंक से संबंधित कार्यक्रम में गडकरी ने इशारों ही इशारों में पीएम मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह पर निशाना साधा था। 

गडकरी ने सफाई पेश करते हुए कहा, "मेरे बयानों का गलत मतलब निकाला गया, जबकि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। मेरे बयानों का राजनीति और हाल ही में हुए चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था। इसमें जानबूझ कर और टिप्पणी जोड़ी गई और खबर बना दी गई। कृपया जो मैंने कहा ही नहीं, उसको मेरे नाम से न जोड़ें। पिछले कई समय से विपक्षी मेरे पीछे पड़े हैं और उनकी मंशा मुझे गिराने की होती है।"

 

 

गडकरी ने कहा, "कार्यक्रम में मैंने जो कहा उसका मतलब था कि मुनाफे के वक्त जिस प्रकार बैंक की लीडरशिप उसका क्रेडिट लेती है। ठीक उसी प्रकार लीडरशिप को घाटे की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसी तरह मैंने कहा था कि अगर राजनीति में चुनाव जीतने का श्रेय लिया जाता है, तो हारने का श्रेय भी लेना चाहिए। यही नैतिकता है। हमने भी किया। मेरे इस बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। जबकि इसका अभी के चुनाव से कोई लेनादेना नहीं था। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम 2019 चुनाव पूर्ण बहुमत के साथ जीतेंगे।"

बता दें कि पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक एसोसिएशन लिमिटेड के कार्यक्रम में बोलते हुए शनिवार को गडकरी ने कहा था कि "विफलताओं की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए दावेदारी करने वाले तो बहुत सारे लोग हैं, लेकिन असफलता होने पर सब जिम्मेदारी लेने से बचते हैं। कहीं पर भी सफलता मिलने पर लोगों में श्रेय लेने की होड़ मची रहती है, लेकिन विफल होने पर सब दूसरों की तरफ उंगली उठाने लगते हैं।"


 

Created On :   23 Dec 2018 7:19 PM IST

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