मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज के संगठन पर पाकिस्तान ने लगाया बैन

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज के संगठन पर पाकिस्तान ने लगाया बैन
हाईलाइट
  • कुछ दिन पहले ही हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर से बैन हटाया गया था।
  • पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत के दबाव का असर होता दिखाई दे रहा है।
  • हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को बैन करने का फैसला किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत के दबाव का असर होता दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को बैन करने का फैसला किया है। गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक के बाद इसका आदेश जारी किया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर से बैन हटाया गया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई NSC की बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने की। इस बैठक में आर्मी चीफ जनरल बाजवा सहित अन्य डिसिजन मेकर शामिल हुए। मीटिंग के बाद बयान जारी कर कहा गया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज करेगा। आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को बैन करने का भी ऐलान किया गया। हालांकि जिस आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की साजिश रची थी उसका इस मीटिंग में जिक्र तक नहीं किया गया।

पाकिस्तान की टॉप सिक्यॉरिटी बॉडी ने साफ तौर पर कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का किसी भी तरह से कोई हाथ नहीं था। इस हमले की योजना जम्मू-कश्मीर में बनाई गई और उसे वही अंजाम दिया गया। इस दौरान पीएम इमरान खान ने अपनी सेना से यह भी कहा कि अगर भारत ने कोई आक्रामक कार्रवाई की तो उसका पूरी दृढ़ता से जवाब दिया जाए।

पाकिस्तान ने पुलवामा घटना की जांच के लिए एक प्रस्ताव दिया है। वह आतंकवाद और अन्य विवादित मामलों पर भारत से बातचीत के लिए तैयार है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया, "हम उम्मीद करते हैं कि भारत प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा।" बयान में कहा गया कि जो भी इस मिट्टी का उपयोग आतंकवाद के लिए करेगा पाकिस्तान उसपर कड़ी कार्रवाई करेगा।  

बता दें कि जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे और स्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।

Created On :   21 Feb 2019 4:32 PM GMT

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