करतारपुर जाने वाले जत्थे को पाक ने अब तक नहीं किया कन्फर्म, MEA ने कहा- तैयार रहें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 9 नवंबर को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने वाले जत्थे की सूची की पुष्टि पाकिस्तान ने अभी तक नहीं की है। इसे लकेर विदेश मंत्रालय ने कहा, अब हम बहुत करीब हैं, इसलिए हम यह मानते हैं कि हमने पाकिस्तानी पक्ष के साथ जो नाम साझा किए हैं, वो कन्फर्म हो गए हैं। इसलिए हमने इन सभी लोगों को यात्रा के लिए तैयार होने के लिए कहा है।"
इस "जत्थे" में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर बादल, 150 से अधिक संसद सदस्य और प्रमुख भारतीय शामिल हैं। पाकिस्तान ने इंडियन एडवांस सिक्यॉरिटी और प्रोटोकॉल टीम को भी साइट पर जाने की अनुमति नहीं दी है, जबकि यह वीवीआईपी विजिट से पहले की सामान्य प्रक्रिया है। पाकिस्तान ने कार्यक्रम की मिनट डिटेल्स भी साझा नहीं की है और वह करतारपुर एग्रीमेंट की स्पिरिट का पालन नहीं कर रहा है। बता दें कि यह जत्था 9 नवंबर को बाॅर्डर से आगे गुरुद्वारा दरबार साहिब तक पाकिस्तान की सीमा में चार किमी अंदर जाएगा।
करतारपुर जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट के बिना एंट्री नहीं देने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि "कभी पाकिस्तान कहता है कि पासपोर्ट के बिना एंट्री दी जाएगी और कभी कहता है कि इसके बिना एंट्री नहीं मिलेगी।" कुमार ने कहा, "हमें लगता है कि उनके विदेश कार्यालय और अन्य एजेंसियों के बीच मतभेद हैं। हमारे पास एक MoU है, इसे बदला नहीं गया है। इसके अनुसार करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरुरत पड़ेगी।"
करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक वीडियो में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल भिंडरावाले पर MEA ने कहा, "हम उस भावना को कम करने की पाकिस्तान की कोशिश की निंदा करते हैं जिसके तहत तीर्थयात्रा शुरू की जानी है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।"
रवीश कुमार ने कहा, "चर्चा के दौरान हमें पाकिस्तानी पक्ष की तरफ से बार-बार आश्वासन दिया गया था कि वे तीर्थयात्रा और आयोजन के दौरान भारत विरोधी तत्वों और प्रोपेगेंडा की अनुमति नहीं देंगे। हम मांग करते हैं कि वे आपत्तिजनक वीडियो और प्रिंटेड मटेरियल को हटा दें जिसे प्रसारित किया जा रहा है।"
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को विदेश मंत्रालय को एक बार फिर चिट्ठी लिखी। सिद्धू ने कहा कि अगर उन्हें अपनी इस नई चिट्ठी का कोई जवाब नहीं मिला - तो वह किसी अन्य तीर्थयात्री की तरह सीमा पार करतारपुर गुरुद्वारा जाएंगे। इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से स्पष्टता के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह एक "बहुत ही ऐतिहासिक घटना" है। इसके लिए भारत पिछले 20 वर्षों से कोशिश कर रहा है। किसी एक व्यक्ति को इवेंट में हाईलाइट करना सही नहीं है।
Created On :   7 Nov 2019 5:12 PM IST