जल्द टूटेंगे फुटपाथ और सड़क पर बने अवैध प्रवेश द्वार, सरकार ने जारी किया आदेश 

Pillars surrounding public places will to be removed in state
जल्द टूटेंगे फुटपाथ और सड़क पर बने अवैध प्रवेश द्वार, सरकार ने जारी किया आदेश 
जल्द टूटेंगे फुटपाथ और सड़क पर बने अवैध प्रवेश द्वार, सरकार ने जारी किया आदेश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  शहरी इलाकों की सार्वजनिक जगहों, सड़कों, महामार्गों और फुटपाथ के आसपास बने अनाधिकृत प्रवेशद्वार और स्तंभों को हटना होगा। राज्य सरकार ने संबंधित प्राधिकरण और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं को यह आदेश दिया है। गुरुवार को प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग ने इससे संबंधित परिपत्रक (सर्कुलर) जारी किया। सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथ और धार्मिक स्थलों की तरफ जाने वाले रास्तों पर प्रवेशद्वार और स्तंभ बनाने के खिलाफ बाम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में जनहित याचिका दाखिल की गई थी।

इस याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा दिए गए आदेश का प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश सरकार ने दिया है। इससे अब संबंधित प्राधिकरण के उचित मंजूरी के बिना इस तरह के गेट अब नहीं बनाए जा सकेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सड़कों पर प्रवेशद्वार और स्तंभ बनाने के लिए सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग, राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण, स्थानीय स्वराज्य संस्था, नियोजन प्राधिकरण जैसे संस्थाओं से मंजूरी लेनी पड़ेगी। मंजूरी देते समय संबंधित प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना होगा कि यातायात में कोई असुविधा नहीं होगा। प्राधिकरण प्रवेशद्वार और स्तंभ बनाने की मंजूरी देने वाले प्राधिकरण को ही इसका देखभाल करना होगा।

ग्रामीण इलाकों के लिए भी दिए सख्त निर्देश
सरकार ने ग्रामीण इलाकों के लिए भी सख्त निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं को प्राप्त होने वाली निधि गांव की मूलभूत जरूरतों और सुविधाओं के लिए खर्च करना अपेक्षित है। मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के बावजूद प्रवेशद्वार बनाना उचित नहीं है। विशेष रूप से गांवों में श्मशान, सड़कों, ग्राम पंचायत इमारत, आंगनवाड़ी इमारत और स्कूल, शौचालय बनाने के लिए भरपूर निधि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में प्रवेशद्वार पर राशि खर्च न की जाए। सार्वजनिक सड़कों पर प्रवेशद्वार बनाने का अधिकार किसी निजी व्यक्ति अथवा संस्था को नहीं है। यदि कहीं पर प्रवेशद्वार का निर्माण कार्य किया जा रहा होगा तो जिलाधिकारी और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपने अधिनस्थ सभी अधिकारी, कर्मचारी व ग्राम पंचायतों को संज्ञान में ला कर कार्यवाही करनी होगी।

Created On :   19 April 2018 8:53 PM IST

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