आज जो रोल तेल के कुओं का है भविष्य में सूर्य की किरणों का होगा : पीएम मोदी

आज जो रोल तेल के कुओं का है भविष्य में सूर्य की किरणों का होगा : पीएम मोदी
हाईलाइट
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन महासभा की पहली बैठक मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई।
  • पीएम नरेन्द्र मोदी ने UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस की मौजूदगी में गांधी जयंती पर महासभा का उद्घाटन किया।
  • पीएम मोदी ने कहा कि जो रोल आज तेल के कुओं का है
  • वही रोल भविष्य में सूर्य की किरणों का होने वाला है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली बैठक मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनाइटेड नेशन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस की मौजूदगी में गांधी जयंती पर इंटरनेशनल सोलर एलायंस की पहली महासभा का उद्घाटन किया। 40 देशों के प्रतिनिधियों को महासभा में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जो रोल आज तेल के कुओं का है, वही रोल भविष्य में सूर्य की किरणों का होने वाला है। वहीं संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किए बिना पृथ्वी पर शांति और समृद्धि के लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, हम जानते हैं, हमें क्या करना है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 150-200 वर्षों में मानव जाति अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए धरती के नीचे दबे संसाधनों पर ही ज्यादा निर्भर रही है। हमारी प्रकृति ने कैसे इसका विरोध किया है, और आज भी कर रही है, ये हम सभी देख रहे हैं। प्रकृति हमें लगातार संदेश दे रही है कि जमीन के ऊपर मौजूद ऊर्जा, चाहे वो सूर्य में हो, वायु में हो या पानी में, यही बेहतर और सुरक्षित भविष्य का समाधान है। मुझे खुशी है कि आज हम सभी, प्रकृति से मिल रहे इस संदेश पर मंथन के लिए एकजुट हुए हैं।

पीएम ने कहा, मुझे लगता है जब भी भविष्य में 21वीं सदी में स्थापित मानव कल्याण के बड़े संगठनों की चर्चा होगी, तो अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का नाम उसमें सबसे ऊपर होगा। ISA के तौर पर हम सभी ने क्लाइमेट जस्टिस को सुनिश्चित करने की दिशा में, एक बहुत बड़ा मंच तैयार किया है। मेरा ये मानना रहा है कि दुनिया की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जो भूमिका आज OPEC निभा रहा है, वही भूमिका आने वाले समय में ISA की होने वाली है।

पीएम ने कहा, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के बढ़ते उपयोग का भारत में असर दिखने लगा है। पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक्शन प्लान पर भी काम शुरु हो चुका हैं। पीएम ने कहा, हमने तय किया है कि 2030 तक हमारी 40% बिजली की क्षमता नॉन फॉसिल फ्यूल आधारित संसाधनों से पैदा हो। उन्होंने कहा कि आज भारत नए आत्मविश्वास के साथ विकास कर रहा है। इस नए आत्मविश्वास को शक्ति देने के लिए भी हमने उसको चुना है, जो हज़ारों वर्षों से हमारी शक्ति का स्रोत रहा है, ऊर्जा का भंडार रहा है। ये भंडार है सूर्य का जिसको हम भारतीय सूर्यदेव भी कहते हैं।

मोदी ने कहा, पावर जनरेशन के साथ-साथ पावर शॉर्टेज भी अहम है। उन्होंने कहा, नेशनल एनर्जी स्टोरेज मिशन पर काम किया जा रहा है। इस मिशन के तहत सरकार मांग सृजन, स्वदेशी विनिर्माण, इनोवेशन और एनर्जी शॉर्टेज की क्षमता बढ़ाने के लिए पॉलिसी सपोर्ट पर बल दे रही है। सोलर और विंड पावर के साथ-साथ हम B3 यानी Biomass-Biofuel-Bioenergy पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को क्लीन फ्यूल बेस्ड बनाने की तरफ गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। बायोवेस्ट से बायोफ्यूल बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदल रहे हैं।

Created On :   2 Oct 2018 8:03 PM IST

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