...इसलिए खास रहा प्रधानमंत्री का चीन दौरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा खत्म कर भारत लौट आए हैं। एयरपोर्ट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी अगवानी की। अपने इस दौरे पर पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति के साथ एक अनौपचारिक शिखर बैठक की। इस बैठक को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक के बाद भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद के बाद गहराए तनाव में कमी आएगी और साथ ही दोनों देशों के बीच आपसी सम्बंध भी मजबूत होंगे।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi returns after two-day informal summit with Chinese President Xi Jinping in China"s Wuhan. PM Modi was received by Union Minister Sushma Swaraj on his arrival. pic.twitter.com/khAvAP6AMu
— ANI (@ANI) April 28, 2018
दौरे पर जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच बेहतर आपसी जुगलबंदी नजर आई जिसे दोनों राष्ट्रों के तनावभरे रिश्ते को पटरी पर लाने के लिए अच्छे संकेत की तरह देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा भारत-चीन सम्बंधों में क्या नए रंग लाएगा। आइए इस पर एक नजर डालते हैं...
गतिरोध खत्म होगा
पीएम मोदी की इस चीन यात्रा का मकसद ही दोनों देशों के बीच आपसी गतिरोध को खत्म करना था। डोकलाम विवाद के बाद भारत-चीन के रिश्ते सामान्य नहीं रहे हैं। डोकलाम के अलावा अन्य सीमाई क्षेत्रों में भी भारत-चीन के बीच गतिरोध पैदा होता रहा है। अनौपचारिक शिखर बैठक में इस पर खुलकर बात हुई है और दोनों देश आपसी गतिरोध खत्म कर संवाद बढ़ाने और तनाव घटाने पर राजी हुए हैं।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग
शिखर बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद की कड़ी आलोचना की है। आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी रजामंदी बनी है। हालांकि इस बैठक में आतंकवाद पर ज्यादा गहराई से चर्चा नहीं की गई।
व्यवसायिक सम्बंध भी होंगे मजबूत
दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन के बीच व्यापार-व्यवसाय बढ़ाने, इसे संतुलित करने और स्थायित्व प्रदान करने पर भी चर्चा की गई है। दोनों पक्षों का मानना है कि पड़ोसी देशों के बीच व्यवसायिक सम्बंधों में किसी तरह का अवरोध नहीं होना चाहिए। इसलिए व्यवसायिक सम्बंधों को मजबूती देने के लिए भी भविष्य में कदम उठाने की बात बैठक में उठी है।
आपसी सहयोग से बढ़ेंगे आगे
शिखर बैठक में मोदी और जिनपंग ने यह माना है कि भारत और चीन को एक-दूसरे के सहयोग की जरुरत है। बिना एक-दूसरे के सहयोग किए दोनों देशों का आगे बढ़ना मुश्किल है। मोदी और शी ने दोनों देशों के बीच टिकाऊ और एक दूसरे के लिए फायदेमंद डेवेलपमेंट पार्टनरशिप को मजबूत करने का फैसला किया है।
अफगानिस्तान में मिलकर करेंगे काम
भारत और चीन के बीच पीएम के इस दौरे पर एक अहम मुद्दे पर सहमति बनी है, जिसके तहत ये दोनों देश साथ मिलकर अफगानिस्तान में काम करेंगे। पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने यह माना है कि चीन और भारत को इंडिया-चाइना इकनॉमिक प्रॉजेक्ट के तहत अफगानिस्तान में काम करना चाहिए। अफगानिस्तान में भारत और चीन के बीच अपनी तरह का यह पहला प्रॉजेक्ट होगा।
Created On :   28 April 2018 6:44 PM IST