मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से दिलाकर रहेंगे आजादी: लाल किले से मोदी

PM Narendra Modi addresses the nation from the Red Fort in Delhi.
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से दिलाकर रहेंगे आजादी: लाल किले से मोदी
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से दिलाकर रहेंगे आजादी: लाल किले से मोदी
हाईलाइट
  • प्रधानमंत्री ने झंडा वंदन किया।
  • भारत मना रहा है स्वतंत्रता दिवस
  • लाल किले से प्रधानमंत्री दे रहे हैं भाषण।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आजादी की 72 वीं सालगिरह पर आज देशभर में जश्न मनाया जा रहा है। दिल्ली में लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर ध्वजारोहण किया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनकी अगवानी की। इसके बाद प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने भाषण शुरू किया। प्रधानमंत्री का भाषण 82 मिनट तक चला, जिसमें उन्होंने सरकार के 4 साल का हिसाब-किताब जनता को दिया। मोदी ने भाषण में तीन तलाक और कश्मीर के मुद्दे को उठाया तो किसानों और तकनीक की बात भी की। 

 

प्रधानमंत्री के भाषण के प्रमुख अंश

- हमारा देश निरंतर आगे बढ़ रहा है, हमे रुकना मंजूर नहीं, न ही हम रुकने वाले हैं।

- पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए हम अटलजी के बताए रास्ते पर चलेंगे। उन्होंने इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत अपनाने की बात कही थी। मैंने भी कहा है, जम्मू- कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक इकाइयों को और मजबूत करने के लिए लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराये जाने की तैयारी चल रही है।

- सेना में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा मिला। बलात्ककार की राक्षसी प्रवृत्ती से देश को मुक्त कराना होगा। कटनी में रेप के अपराधी को 5 दिन में फांसी की सजा सुनाई गई। फांसी की खबरें प्रसारित होने से इस तरह की गंदी मानसिकता कम होगी।

- हमने महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया, आज सुप्रीम कोर्ट में 3 महिला जज हैं।

- 2013 तक देश में 4 करोड़ लोग टैक्स भरते थे, आज टैक्सपेयर्स की संख्या पौने सात करोड़ हो गई है।

- हमने भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाते हुए 6 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को पकड़ा।

- मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के लिए हम बिल लेकर आए, हम उन्हें इस कुप्रथा से मुक्ति दिलाकर रहेंगे।

- पिछले 2 साल में 5 करोड़ से ज्यादा गरीब गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

- कोई गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी देना नहीं चाहता, वह उसे गरीबी से बाहर लाना चाहता है। हमने गरीबों को सबल बनाने का प्रयास किया है।

- 2014 में मैंने स्वच्छता की बात की तो मेरा मजाक उड़ाया गया, आज WHO कह रहा है कि स्वच्छता से 3 लाख बच्चों की जान बची।

- हमारा पूरा ध्यान किसानों को आधुनिकता से जोड़ना है, हम किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं।

- जिन्हें भारत की इकॉनमी में रिस्क दिखता था आज वही संस्थाएं देश को छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मान रही हैं, आज दुनिया कह रही है कि भारत मल्टी ट्रिलियन डॉलर इंनवेस्टमेंट की जगह बन गया है।

- देश की सेना के जवान वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे, किसी सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। आपने हमें उनकी इस मांग को पूरा करने का मौका दिया।

- देश के किसान मांग कर रहे थे कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया जाए, लेकिन ये काम नहीं हो पा रहा था। हमने सुनिश्चित किया कि देश के किसान भाईयों को डेढ़ गुना एमएसपी मिले।

- आज गांव-गांव तक डिजिटल इंडिया को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं तो दूसरी ओर दिव्यांगों के लिए स्पेशल डिक्शनरी भी बनाई जा रही है।

- आज देश वहीं है, अधिकारी वही हैं, तंत्र वही है, फाइलें वही हैं, लेकिन चार साल में देश काम में तेजी महसूस कर रह है।

- अगर हम ये नहीं देखेंगे कि हम कहां से चले हैं तो हम कहां पहुंचे हैं इसका आकलन संभव नहीं होगा। 2013 से देखेंगे तो पता चलेगा देश कितना आगे बढ़ा है, कितना तेजी से काम हुआ है। अगर 2013 की रफ्तार से देखें तो गांव में बिजली और शौचालय बनने में सालों कम पड़ जाते.।

- हमारा संविधान कहता है कि सभी पिछड़ों, गरीबों को न्याय मिले. दलित, जंगलों में जीने वाले आदिवासियों सभी को आगे बढ़ने का अधिकार मिले।

- सुब्रमण्यम भारती ने आजाद भारत के लिए सपना देखा था और लिखा था भारत सभी तरह के बंधनों से मुक्त होगा।

- देश की कई जगह से अच्छी वर्षा की खबर आ रही है तो कई जगह बाढ़ की खबर भी आ रही है, जो राज्य इस आपदा से पीड़ित हैं, मैं और पूरा देश उनके साथ खड़ा है।

 - देशवासियों, हम ऐसे वक्त में आजादी का पर्व मना रहे हैं जब भारत टॉप -6 अर्थव्यस्था में शुमार हो गया है।

- मेरे प्यारे देशवासियों, आजादी का ये पर्व हम तब मना रहे हैं जब हमारी बेटियों ने सात समंदर पार किया और सातों समंदरों को तिरंगे के रंग में रंग कर वापस लौटीं।

- इस कविता के साथ प्रधानमंत्री ने अपना भाषण खत्म किया।

अपने मन में एक लक्ष्य लिए,

मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए,

हम तोड़ रहे हैं जंजीरें,

हम बदल रहे हैं तस्वीरें,

ये नवयुग है, नव भारत है,

खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें,

हम निकल पड़े हैं प्रण करके,

अपना तन-मन अर्पण करके,

जिद है एक सूर्य उगाना है,

अम्बर से ऊँचा जाना है,

एक भारत नया बनाना है।

Created On :   15 Aug 2018 8:00 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story