देश के 'दादा' मोदी के लिए पिता जैसे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रविवार को राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी ने 'प्रेसिडेंट ए स्टेट्समैन' बुक को लॉन्च किया। यहां पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा- 'मैं बहुत अंतर्मन से ये कह रहा हूं कि जैसे कोई पिता अपनी संतान की देखभाल करता है। उसी प्रकार प्रणब दा कहते थे, 'देखो मोदीजी आधा दिन तो आराम करना ही पड़ेगा।' पिछले तीन साल में राष्ट्रपति जी से मेरी एक भी मुलाकात ऐसी नहीं रही, जिसमें प्रणब दा ने मेरा पिता की तरह ख्याल न रखा हो।'
प्रणब दा कहते थे, 'भाई इतना क्यों दौड़ रहे हो, कुछ कार्यक्रम कम करो। तुम अपनी तबीयत को संभालो। तब यूपी में चुनाव के दिन थे। कहते कि भाई जीत और हार तो चलती रहेगी, लेकिन कुछ शरीर की ओर भी देखोगे की नहीं? ये एक राष्ट्रपति के दायित्व का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके भीतर का एक इंसान ही है कि उन्हें अपने एक साथी की चिंता रहती थी। प्रणब दा का ये काम हम सबके लिए प्रेरणा हो सकता है। मैं उनका आदरपूर्वक नमन करता हूं।'
प्रणब दा की ऊंगली पकड़कर आगे बढ़ा हूं
पीएम मोदी ने कहा- "मैं ये कह सकता हूं कि दिल्ली आया तो प्रणब दा की ऊंगली पकड़कर आगे बढ़ने में मुझे काफी मदद मिली। कहते थे कि भाई इतना क्यों दौड़ रहे हो, कुछ कार्यक्रम कम करो। तुम अपनी तबीयत को संभालो। बता दें कि प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
मेरा सौभाग्य है प्रणब दा के साथ काम किया
मोदी ने कहा- 'ये बुक प्रणब दा को जानने के लिए, उनके निकट जाने के लिए, कभी-कभी तो लगता है उनके भीतर जाने के लिए एक अवसर दे रही है। मेरा सौभाग्य रहा है कि आदरणीय राष्ट्रपतिजी के साथ काम करने का अवसर मिला। मैं जब भी अपने जीवन में देखता हूं तो एक एक अवसर आया आपातकाल में आया था। जब मैं राजनीतिक जीवन में नहीं था। सामाजिक जीवन से जुड़ा था। उस वक्त अलग-अलग विचार के लोगों के बीच काम करने का मौका मिला। तब मैं छोटा था, उस वक्त अलग-अलग लोगों से मिलने में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।'
Created On :   2 July 2017 10:06 PM IST