अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाने की तैयारी

Preparations to take Ramlala to an alternate sanctum in Ayodhya
अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाने की तैयारी
अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाने की तैयारी
हाईलाइट
  • अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाने की तैयारी

अयोध्या, 23 मार्च (आईएएनएस)। रामनगरी अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में ले जाए जाने की तैयारी है। रामलला अब अयोध्या में बुलेटप्रूफ फाइवर के बने मंदिर में रजत सिंहासन पर विराजेंगे। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में शुरू हुआ प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ा पूजन-अर्चन शुरू हो चुका है।

रामलला चांदी के जिस सिंहासन पर विराजेंगे, उसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन मिश्र ने अपनी तरफ से तैयार कराया है। आज उन्होंने अपने आवास राजसदन में इसे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की मौजूदगी में ट्रस्ट को समर्पित किया।

9 किलो 500 ग्राम चांदी से निर्मित यह सिंहासन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने राज सदन स्थित अपने आवास पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को दान स्वरूप अर्पित किया।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि भगवान रामलला गृभगृह में विराजमान हैं, भव्य मंदिर निर्माण के लिए यहां से उनको नए आसन में विराजित करना जरूरी है। इसके लिए सोमवार से पूरे वधि-विधान से पूजा-पाठ शुरू हो गई है।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष ने बताया कि वैदिक पूजा-पाठ सोमवार से शुरू होकर मंगलवार को पूरे दिन चलेगा। इसके बाद 25 मार्च को ब्रह्म मुर्हूत में रामलला नए आसन पर पधारेंगे। इस तरह नवरात्र के पहले दिन रामलला समेत चारो भाइयों व हनुमानजी को बुलेटप्रूफ फाइबर के वातानुकूलित मंदिर में अनुष्ठानपूर्वक विराजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 25 मार्च की सुबह रामलला को नए अस्थायी भवन में सुबह चार बजे शिफ्ट किया जाएगा। कोरोना वायरस के कहर के कारण अब शिफ्ट करने के तमाम भव्य कार्यक्रमों को सीमित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री आंध्र निवासी कोटेश्वर शर्मा एवं परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी के मार्गदर्शन में ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र व डॉ़ अनिल मिश्र के यजमान बने हैं। वैदिक विद्वान रामलला को शिफ्ट करने के लिए भूमि-पूजन और अनुष्ठान कर रहे हैं। अनुष्ठान मात्र दो दिन ही चलेगा। इसमें दिल्ली के पंडित कीर्तिकांत के नेतृत्व में प्रयाग, काशी, दिल्ली, मथुरा और अयोध्या के वैदिक पंडितों द्वारा पूर्ण विधि विधान से पूजन-अर्चन शुरू है।

रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र के अनुसार, किसी भी नए मंदिर में भगवान को विराजमान कराने से पहले उसकी कई मान्यताएं हैं। भगवान को विराजमान करने से पहले जमीन और मंदिर दोनों को पवित्र कराया जाएगा। रामलला को शिफ्ट करने से पहले रास्ते का भी शुद्धिकरण होगा और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रामलला पुराने मंदिर से नए आस्था मंदिर में विराजमान होने के लिए निकलेंगे।

Created On :   23 March 2020 2:31 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story