देश के नाम संबोधन: PM मोदी ने कहा- सभी राज्यों को मिलेगी मुफ्त वैक्सीन, योगी दिवस से 18+ लोगों को लगेगा फ्री टीका

देश के नाम संबोधन: PM मोदी ने कहा- सभी राज्यों को मिलेगी मुफ्त वैक्सीन, योगी दिवस से 18+ लोगों को लगेगा फ्री टीका
हाईलाइट
  • PMO ने ट्वीट कर दी संबोधन की जानकारी
  • आज प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित करेंगे
  • वैक्सीनेशन पर कर सकते हैं बड़ा ऐलान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर कम होने के साथ ही आज से कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सोमवार) देश को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई। इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे। वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है।आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं। कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?

पीएम मोदी ने कहा, आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू  नहीं हो पाता था। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था। 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते। हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को शुरु किया।

पीएम मोदी ने कहा, हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया। क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी। पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।आज देश में 7 कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है। जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं। हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी।

पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। हाल के दिनों में कुछ एक्सपर्ट्स द्वारा हमारे बच्चों को लेकर भी चिंता जताई गई है। इस दिशा में भी दो वैक्सीन का ट्रायल तेजी से चल रहा है। इसके अलावा अभी देश में एक नेजल वैक्सीन पर भी रिसर्च जारी है। देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच, केंद्र सरकार के सामने अलग-अलग सुझाव भी आने लगे, भिन्न-भिन्न मांगे होने लगीं।पूछा जाने लगा, सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है? राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही? राज्य सरकारों को लॉकडाउन की छूट क्यों नहीं मिल रही? One Size Does Not Fit All जैसी बातें भी कही गईं।

पीएम मोदी ने कहा, इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला। सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने के मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा था। देश के नागरिक भी, अनुशासन का पालन करते हुए, अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवा रहे थे। इस बीच,कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम डी-सेंट्रलाइज किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए। तरह-तरह के स्वर उठे। जैसे कि वैक्सीनेशन के लिए Age Group क्यों बनाए गए? दूसरी तरफ किसी ने कहा कि उम्र की सीमा आखिर केंद्र सरकार ही क्यों तय करे? कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है? भांति-भांति के दबाव भी बनाए गए, देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया।

 

Created On :   7 Jun 2021 8:38 AM GMT

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