पिता के हत्यारे को मरा हुआ देखकर मुझे और प्रियंका को अच्छा नहीं लगा- राहुल गांधी

पिता के हत्यारे को मरा हुआ देखकर मुझे और प्रियंका को अच्छा नहीं लगा- राहुल गांधी
पिता के हत्यारे को मरा हुआ देखकर मुझे और प्रियंका को अच्छा नहीं लगा- राहुल गांधी
पिता के हत्यारे को मरा हुआ देखकर मुझे और प्रियंका को अच्छा नहीं लगा- राहुल गांधी
हाईलाइट
  • अंहिसा के रास्ते पर चलना सबसे सही: राहुल गांधी।
  • पिता के हत्यारे को मरा देखकर मुझे अच्छा नहीं लगा: राहुल गांधी।
  • मैं वास्तव में अपने अनुभव से बात करता हूं। इसी आधार पर कहता हूं कि हिंसा से आगे बढ़ने के लिए क्षमा जरूरी है- राहुल गांधी

डिजिटल डेस्क, जर्मनी। जब मेरे पिता राजीव गांधी का हत्यारा वी. प्रभाकरण (लिट्टे) मारा गया तो मुझे और बहन प्रियंका गांधी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। प्रभाकरण को मरा हुआ देखकर मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मेरी तरह उसके बच्चे भी रो रहे होंगे। प्रभाकरण जिस हिंसा में शामिल था उसका वो शिकार तो बन गया, लेकिन उसके बच्चों समेत पूरे परिवार की स्थिति देखकर मुझे और प्रियंका को अच्छा नहीं लगा। राहुल ने यह बात हैंबर्ग के बकिरस समर स्कूल में एक संबोधन के दौरान कही। राहुल ने कहा, मेरे परिवार में पहले मेरी दादी इंदिरा गांधी फिर मेरे पिता राजीव गांधी की हत्या की गई। इस दौर में मैंने हिंसा की पीड़ा को सहा। मैं वास्तव में अपने अनुभव से बात करता हूं। इसी आधार पर कहता हूं कि हिंसा से आगे बढ़ने के लिए क्षमा जरूरी है। यही एक रास्ता जो आपको हिंसा से बचा सकता है। 

 

राहुल ने कहा कि हिंसा समाज के लिए सही नहीं है। अगर हम हिंसा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं तो हमें अंहिसा के रास्ते पर चलना होगा। मैं मान सकता हूं कि लोग इसे कमजोरी समझेंगे, लेकिन वास्तव में यही मेरी ताकत है। 2009 में जब मैंने अपने पिता के हत्यारे को श्रीलंका के एक मैदान में मरा पड़ा हुआ देखा तो मुझे बहुत अजीब लगा। उसको देखने के बाद मैंने बहन प्रियंका को फोन किया और कहा, मैंने आज पिता के हत्यारे को देखा लेकिन मुझे खुशी नहीं हो रही है। मुझे तो इस बात का जश्‍न मनाना चाहिए था कि जो व्‍यक्ति मेरे पिता की हत्‍या का गुनहगार है, उसके इस तरह के हश्र पर मुझे खुशी होनी चाहिए थी। लेकिन मुझे इसलिए खुशी नहीं हुई क्‍योंकि उसके बच्‍चों में मैंने खुद को देखा। जो स्थिति मेरे पिता के जाने के बाद मेरी थी। ऐसी कुछ हालत उन बच्चों की होगी। 

 

हिंसा पर राहुल गांधी ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि भारत में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटनाएं बेरोजगारी और सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा नोटबंदी एवं जीएसटी को ‘खराब तरीके से लागू’ किये जाने से छोटे कारोबारों के ‘चौपट’ हो जाने की वजह से उपजे ‘गुस्से’ के कारण हो रही हैं।

Created On :   23 Aug 2018 3:33 PM IST

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