अखिलेश को रोके जाने पर बवाल, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लाठीचार्ज, एंटी बीजेपी दलों ने सरकार को घेरा
- अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद इलाहबाद यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन।
- पुलिस के लाठीचार्ज में बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव घायल हो गए।
- प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलाहबाद यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस को इस दौरान लाठी चार्ज भी करना पड़ा। पुलिस के लाठीचार्ज में बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव घायल हो गए हैं। उधर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को रोके जाने के पीछे कानून व्यवस्था का हवाला दिया है। बता दें कि अखिलेश यादव इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में छात्रसंघ द्वारा आयोजित समारोह में शामिल होने प्रयागराज जा रहे थे। इसके साथ-साथ कुंभ मेले में भी वह जाने वाले थे।
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में कुंभ चल रहा है। अभी तक वहां कई कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुए हैं। अखिलेश की यात्रा से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रतिद्वंद्वी छात्र समूहों के बीच हिंसा हो सकती है। उन्होंने कहा, "इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सरकार से उनकी यात्रा को रोकने का आग्रह किया था और सरकार ने कार्रवाई की। समाजवादी पार्टी को ऐसी अराजकतावादी गतिविधियों से रोका जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि "बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकने का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है। एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोका जा रहा है।" उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 27 दिसंबर को ही हमनें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का कार्यक्रम भेज दिया था ताकि अगर कोई समस्या हो तो इसकी जानकारी मिल जाए। अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि शपथ ग्रहण से ठीक पहले स्टेज के पास तीन बम धमाके हुए। ये आश्चर्य की बात है कि न तो सरकार और न ही प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई। ये पता लगाने की कोशिश नहीं हुई कि धमाकों को किसने अंजाम दिया था। लोकतंत्र में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई थी।
इस मामले को लेकर पूरा विपक्ष भी एकजुट दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "मैं पहले ही अखिलेश यादव से बात कर चुकी हूं। हम सभी तथाकथित बीजेपी नेताओं के अहंकारी रवैये की निंदा करते हैं, जिन्होंने छात्रों को संबोधित करने की अखिलेश को इजाजत नहीं दी। यही नहीं, जिग्नेश मेवाणी को भी अनुमति नहीं दी गई थी। हमारे देश में लोकतंत्र कहां है? और वे सभी को इसका पाठ पढ़ा रहे हैं।" ममता ने कहा, देश में रुकावट के लिए खेद है जैसी स्थिति बन गई है। देश में ऐसी स्थिति हो गई है कि लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने नहीं दिया गया। इससे पहले देश में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, "समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आज इलाहाबाद नहीं जाने देने कि लिये उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लेने की घटना अति-निन्दनीय व बीजेपी सरकार की तानाशाही व लोकतंत्र की हत्या की प्रतीक। क्या बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकार बीएसपी-सपा गठबंधन से इतनी ज्यादा भयभीत व बौखला गई है कि उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधि व पार्टी प्रोग्राम आदि करने पर भी रोक लगाने पर वह तुल गई है। ऐसी आलोकतंत्रिक कार्रवाईयों का डट कर मुकाबला किया जायेगा।"
लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के प्रमुख शरद यादव ने ट्वीट किया, "छात्रों के एक कार्यक्रम में शामिल होने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जा रहे अखिलेश यादव को यूपी की बीजेपी सरकार द्वारा रोकना एक अलोकतांत्रिक कृत्य है। यह दर्शाता है कि वे विपक्ष के नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता से घबराए हुए हैं। यह अघोषित आपातकाल है।"
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, "देश के सबसे बड़े सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री को बिना लिखित आदेश रोकना लोकतंत्र की हत्या है। अजय सिंह बिष्ट को पहले सोचना चाहिए कि उन पर अनेकों आपराधिक केस होने के बावजूद वह सीएम हैं फिर अखिलेश पर तो कोई आपराधिक केस भी नहीं है। अराजक लोग दूसरों के बारे में खुद जैसा ही सोचते हैं।"
Created On :   12 Feb 2019 7:10 PM IST