किसानों के खिलाफ बरती जा रही क्रूरता पर हैरान हैं पंजाबी प्रवासी

Punjabi diaspora surprised by the cruelty being carried out against farmers
किसानों के खिलाफ बरती जा रही क्रूरता पर हैरान हैं पंजाबी प्रवासी
किसानों के खिलाफ बरती जा रही क्रूरता पर हैरान हैं पंजाबी प्रवासी
हाईलाइट
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चंडीगढ़, 29 नवंबर (आईएएनएस)। नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी आ रहे किसानों के शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा आंसू गैस के गोले दागने और पानी की तेज धार छोड़ने जैसी क्रूरता ने कनाडा में रह रहे प्रवासी भारतीयों को चिंतित और हैरान कर दिया है।

उन्होंने भारत सरकार से किसानों के साथ एक खुली बातचीत करने को कहा है क्योंकि ये मामला उनकी आजीविका को प्रभावित करने वाला है। किसानों के समर्थन में आए कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ क्रूर होने की खबरें बहुत परेशान करने वाली थीं।

उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, मेरे कई मतदाताओं के परिवार वहां रहते हैं और वे अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। स्वस्थ लोकतंत्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देता है। मैं इसमें शामिल लोगों से आग्रह करता हूं कि वे इस मौलिक अधिकार को बनाए रखें।

कनाडा के ब्रैंपटन साउथ की सांसद सोनिया सिद्धू ने ट्वीट किया, मुझे भारत के हालातों के बारे में ब्राम्पटन साउथ में कई मतदाताओं से संदेश मिले। मेरे क्षेत्र के निवासियों ने मुझे बताया कि वे पंजाब के किसानों के विरोध के बारे में कितने चिंतित हैं। मैं उनकी चिंताओं से चिंतित हूं और आशा करती हूं कि स्थिति शांति से हल हो जाएगी।

ब्रैंपटन (उत्तर) की सांसद रूबी सहोता ने भी ट्वीट किया, एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज में बल प्रयोग की धमकी के बिना उनके कारण की वकालत करने में सक्षम होना चाहिए। फोटो में भारतीय किसानों पर बरती जा रही क्रूरता बहुत ही निराशाजनक है।

चंडीगढ़ में जन्मी ब्रिटिश कोलंबिया की संसद सचिव रचना सिंह ने कहा, पंजाब के किसानों के साथ जिस तरह से बर्ताव किया जा रहा है, उससे वह वाकई दुखी हैं। यह अस्वीकार्य है।

वहीं कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने ट्वीट किया, मैं पंजाब और पूरे भारत के किसानों के साथ खड़ा हूं और मैं भारत सरकार से आह्वान करता हूं कि वे हिंसा के बजाय शांतिपूर्ण संवाद करें।

मिसिसॉगा-माल्टन के सांसद नवदीप बैंस ने कहा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी लोकतंत्र में मौलिक है। मैं प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह करता हूं।

ब्रिटेन से सांसद प्रीत कौर गिल ने टिप्पणी की, दिल्ली से चौंकाने वाले ²श्य सामने आए हैं। किसान अपनी आजीविका को प्रभावित करने वाले विवादास्पद बिलों का शांतिपूर्वक तरीके से विरोध कर रहे हैं। वहीं उन्हें चुप कराने के लिए पानी के तोप और आंसू गैस का उपयोग किया जा रहा है।

मूल रूप से किसान परिवार से आने वाले इंडो-कनाडाई राजनेता गुरूतन सिंह ने कहा, मैं किसानों के परिवार से आता हूं। मुझे लगता है कि किसानों की पीड़ा और संघर्ष को समझा जाना चाहिए। किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे शहरों को भोजन देते हैं।

वहीं ओंटारियो न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एंड्रिया होरवाथ ने कहा, हर किसी को राज्य द्वारा की जाने वाली हिंसा के डर के बिना अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।

कनाडा के सांसद टिम उप्पल ने पोस्ट किया, भारत के किसान सुनने और सम्मान के लायक है।

बता दें कि किसान 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को खत्म कर देगा और वे बड़े कॉपोर्रेट संस्थानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   29 Nov 2020 1:31 PM IST

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