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RBI ने रोकी 2000 रुपए के नोटों की छपाई, RTI में हुआ खुलासा

हाईलाइट
- 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई है
- आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में इस बात का खुलासा किया है
- इस वित्तीय वर्ष में 2,000 रुपये का एक भी नोट छापा नहीं गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक आरटीआई के जवाब में खुलासा किया है कि 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई है। इस वित्तीय वर्ष में 2,000 रुपये का एक भी नोट छापा नहीं गया। बता दें कि पहले भी खबरें आई थीं कि 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई है लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया था।
RBI ने RTI के जवाब में बताया कि 'वित्त वर्ष 2016-17 में 3,542.991 मिलियन नोट छापे गए। 2017-18 में नोटों की संख्या कम होकर 111.507 मिलियन हो गई। वर्ष 2018-19 में नोटों की छपाई इससे भी कम की गई और केवल 46.690 मिलियन नोट छापे गए। चालू वित्त वर्ष में 1 भी नोट नहीं छापा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, 2,000 रुपये के नोटों का हाई सर्कुलेशन सरकार की कोशिशों पर पानी फेर सकता है क्योंकि उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की तस्करी करना आसान है।
हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने भी दावा किया था कि भारत में बिल्कुल असली नोट की तरह 2000 रुपए के जाली नोट फिर से आ गए हैं। NIA के अनुसार जाली नोटों का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है। सरकार ने जून में कहा था कि पिछले तीन वर्षों में 50 करोड़ रुपये से अधिक नकली नोटों को जब्त किए गए हैं।
आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2018 के अंत में प्रचलन में दो हजार के 3,363 मिलियन नोट थे, जो कुल सर्कुलेशन वैल्यूम का 3.3% है और वैल्यू टर्म में यह 37.3% है। वित्त वर्ष 2019 में यह घटकर 3291 मिलियन रहा, जो कुल मनी सर्कुलेशन का 3% वैल्यूम और 31.2% वैल्यू है। नवंबर 2016 में सरकार के 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की घोषणा के बाद शीर्ष बैंक ने 2,000 रुपये के नोट को जारी किया था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।