भारत लौटे नेवी ऑफिसर अभिलाष टॉमी, INS सतपुड़ा से विशाखापट्टनम लाया गया
- तूफान से रेस्क्यू के बाद अभिलाष को इलाज के लिए एम्सटरडम के आइल द्वीप पर ले जाया गया था।
- नेवी ऑफिसर अभिलाष टॉमी भारत लौट आए हैं।
- शनिवार को उन्हें वहां से आईएनएस सतपुड़ा से विशाखापट्टनम लाया गया।
डिजिटल डेस्क, विशाखापट्टनम। दक्षिणी हिंद महासागर में आए भीषण आंधी-तूफान के बीच रेस्क्यू किए गए नेवी ऑफिसर अभिलाष टॉमी भारत लौट आए हैं। तूफान से रेस्क्यू के बाद अभिलाष को इलाज के लिए एम्सटरडम के आइल द्वीप पर ले जाया गया था। उनकी तबीयत कुछ ठीक होने पर शनिवार को उन्हें आईएनएस सतपुड़ा से विशाखापट्टनम लाया गया।
#WATCH: Commander Golden Globe Race skipper Abhilash Tomy who was under medical observation at Ile Amsterdam was brought to Visakhapatnam, Andhra Pradesh today, onboard INS Satpura. (Video source: Indian Navy) pic.twitter.com/zfVTuRUoqs
— ANI (@ANI) October 6, 2018
भारत लाए जाने के बाद ईस्टर्न नेवल कमांड (ENC) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (FOC-in-C) वाइस एडमिरल कर्मवीर सिंह ने कमांडर टॉमी से उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बातचीत की। रिपोर्ट के अनुसार अब टॉमी को इलाज और रिकवरी के लिए ENC के नौसेना अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी में भेज दिया गया है। कमांडर-इन-चीफ कर्मवीर सिंह इसके बाद INS सतपुड़ा के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन आलोक आनंद से भी बातचीत की। आलोक जब टॉमी के रेस्क्यू ऑपरेशन पर थे, उस दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बावजूद वह रेस्क्यू ऑपरेशन पर गए और टॉमी को बचाया।
बता दें कि अभिलाष ‘एस वी तुराया’ में सवार होकर निकले थे और ‘गोल्डन ग्लोब रेस 2018’ में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। गोल्डन ग्लोब रेस फ्रांस से 1 जुलाई को शुरू हुई थी, लेकिन दक्षिणी हिंद महासागर में आए भीषण आंधी-तूफान के कारण शुक्रवार को टॉमी की नाव पलट गई थी। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाएं और 10 मीटर ऊंची उठी समुद्र की लहरों से नाव बहुत ज्यादा डैमेज हो गई थी, जिसके चलते टॉमी बीच समंदर में ही फंसे रह गए थे। उन्हें कमर में भी गहरी चोट आई थी। 39 वर्षीय इंडियन नेवी अफसर को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से करीब 1900 नॉटिकल मील की दूरी पर पाया गया। 39 साल के टॉमी भारत के बेहतरीन नाविकों में से एक माने जाते हैं। इससे पहले 2013 में वे ग्लोब का चक्कर लगाने वाले एकमात्र नाविक बने थे। उन्होंने अभी तक कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं।
Created On :   6 Oct 2018 3:41 PM GMT