कोरोना में अफवाहें: शातिरों ने जारी किया दिल्ली पुलिस कमिश्नर का फर्जी आदेश

Rumors in Corona: Delhi police commissioners fake order issued by vicious people
कोरोना में अफवाहें: शातिरों ने जारी किया दिल्ली पुलिस कमिश्नर का फर्जी आदेश
कोरोना में अफवाहें: शातिरों ने जारी किया दिल्ली पुलिस कमिश्नर का फर्जी आदेश
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। दुनिया जब कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आकर त्राहि-माम कर रही है। लोगों को जिंदगी बचाने के लाले पड़े हैं। चारों ओर हाहाकार मचा है। ऐसे में भी सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे बुरे वक्त में सोशल मीडिया के दुरुपयोग का सबसे घटिया नमूना शातिर दिमाग लोगों ने गुरुवार दोपहर के वक्त पेश किया।

सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले किसी शख्स ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव के ही नाम से एक कथित आदेश वायरल कर डाला। आईएएनएस की पड़ताल में पता चला कि, दिल्ली पुलिस कमिश्नर या फिर दिल्ली पुलिस मुख्यालय से कोरोना को लेकर इस तरह का कोई फरमान जारी ही नहीं हुआ है। फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर यह फर्जी आदेश पुलिस कमिश्नर के नाम से जारी/वायरल कहां से हुआ और किसने किया है?

कोरोना को लेकर सोशल मीडिया ग्रुप्स पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से जारी आदेश की आखिर सच्चाई क्या है? आईएएनएस द्वारा पूछे गए सवाल के जबाब में पुलिस कमिश्नर के स्टाफ अफसर डीसीपी विक्रम के. पोरवाल ने गुरुवार दोपहर बाद कहा, नहीं ऐसा कोई आदेश पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी नहीं हुआ है। न ही पुलिस कमिश्नर कार्यालय या फिर दिल्ली पुलिस मुख्यालय की ओर से कोरोना के मद्देनजर इस तरह की पाबंदियां लगाए जाने संबंधी कोई आदेश पारित हुआ है।

तो फिर व्हाट्सएप ग्रुप्स में दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव के नाम से जारी/वायरल आदेश की सच्चाई क्या है? डीसीपी विक्रम के. पोरवाल ने कहा, जाहिर सी बात है कि जब हमने या सीपी साहब ने या फिर पुलिस हेडक्वार्टर ने ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया है, तो वह फिलहाल तो नाजायज और फेक की कहलाएगा। यह सब शुरू क्यों, कैसे और कहां से हुआ इसकी इंक्वायरी की जा रही है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव के कार्यालय से अंग्रेजी में गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल इस कथित आदेश से देश में हड़कंप मच गया था। आदेश में साफ लिखा था कि यह आदेश कोरोना वायरस से निपटने के एहतियाती कदमों के तहत जारी किया गया है। आदेश के अंत में एस.एन. श्रीवास्तव, कमिश्नर ऑफ पुलिस, दिल्ली लिखा हुआ है। आईएएनएस के पास मौजूद इस कथित आदेश के मुताबिक, आदेश दिल्ली पुलिस एक्ट-1978 की धारा-35 के तहत मिले विशेषाधिकार के परिप्रेक्ष्य में जारी किया जा रहा है। यह आदेश कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने के लिए जारी किया जा रहा है।

जारी फर्जी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में निवास करने वाले कोई भी पांच सदस्य एक जगह सार्वजनिक स्थल पर इकट्ठे हुए दिखाई नहीं देने चाहिए। आदेश के मुताबिक, राज्य की सीमा में न ही कहीं कोई धरना, प्रदर्शन, सामाजिक राजनीतिक आयोजन का आयोजन किया जायेगा। आदेश फर्जी है इसका अंदाजा इस बात से भी लग रहे है कि, उसमें एक ही बात को कई-कई बार दोहराया गया है। मसलन पांच से ज्यादा व्यक्ति किसी भी एक स्थान पर इकट्ठे न हों, इस बात को आदेश में 4-5 बार दोहराया गया है। जबकि इस तरह के किसी भी जायज आदेश में कोई भी बात कभी भी दोहराई नहीं जाती है।

आदेश के छठे कॉलम में कहा गया है कि, कोई भी शख्स अगर आदेश की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस एक्ट-1978 की धारा 114 के तहत कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे। पुलिस कमिश्नर के नाम से जारी इस कथित आदेश की अंतिम दो लाइनों में दिल्ली पुलिस के तमाम आला-अफसरान, निगम, तहसील, वर्क्‍स डिपार्टमेंट, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली छाबनी का भी जिक्र किया गया है। जिन्हें इस आदेश पर स्वत: ही संज्ञान लेने को कहा गया है। इस वायरल हुए फर्जी आदेश को 18 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 की अवधि तक लागू माना जाए। ऐसा भी उल्लेख है।

दूसरी और दिल्ली पुलिस प्रवक्ता सहायक पुलिस आयुक्त अनिल मित्तल ने भी पुलिस कमिश्नर द्वारा ऐसे किसी आदेश को जारी किए जाने से इंकार किया है। उनके मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने केवल अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों को कोरोना से सजग रहने के तरीके बताए हैं। हमने जनता और पुलिस के सहयोग से कोरोना से बचने की अपील की है। साथ ही दिल्ली पुलिस इन दिनों 31 मार्च 2020 तक किसी को भी कोई सार्वजनिक ऐसे कार्यक्रम जिसमें भीड़ इकट्ठी होने का अंदेशा हो, की इजाजत देती है।

Created On :   19 March 2020 10:30 AM GMT

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