दूसरे देश के लिए खेल सकते हैं श्रीसंथ, बीसीसीआई ने कहा ऐसा नहीं हो सकता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध और हाल ही में केरल हाई कोर्ट के इस प्रतिबंध को जारी रखने के फैसले के बाद पूर्व टेस्ट क्रिकेटर श्रीसंथ ने दूसरे देश से खेलने के संकेत दिए हैं। वहींं बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष बीसी खन्ना ने कहा कि ये श्रीसंथ की गलतफहमी है, नियमों के मुताबिक पेरेंट बाेर्ड से प्रतिबंधित खिलाडी किसी दूसरे देश से नहीं खेल सकता।
उल्लेखनीय है कि श्रीसंथ पर 2013 में आईपीएल में स्पाट फिक्सिंग में दोषी पाए जाने पर आजीवन खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए बीती 18 सितंबर को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीसीसीआई को आजीवन प्रतिबंध के फैसले से असहमति जताते हुए इसे हटाने का निर्देश दिया था। इसी मामले में केरल हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बीते मंगलवार को एकल पीठ के फैसले को रद्द करते हुए श्रीसंत पर प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय दिया।
इस आधार पर नहीं रोक सकता बीसीसीआई
एक इंटरव्यू में श्रीसंथ ने संकेत दिया कि बीसीसीआई ने उसके भारत में खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा है। बीसीसीआई सरकारी संस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में उसके पास किसी दूसरे देश से खेलने का विकल्प बचा हुआ है। श्रीसंथ ने कहा उनके ऊपर बीसीसीआई ने प्रतिबंध लगाया है न कि आईसीसी ने। उन्होंने कहा ऐसी स्थिति में वह किसी दूसरे देश के लिए खेल सकते हैं। इस समय मेरी उम्र 34 साल है। मैं पूरी तरह स्वस्थ भी हूं। ऐसी स्थिति में मैं अधिकतम छह साल और खेल सकता हूँ। उन्होंने कहा किसी अन्य क्रिकेट प्रेमी व्यक्ति की तरह मैं भी क्रिकेट खेलना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई एक प्राइवेट बाडी है। इसके द्वारा चयनित टीम को हम लोग ही राष्ट्रीय टीम मानते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से यह बात सच नहीं है।
हार नहीं मानूंगा, जारी रखूंगा संघर्ष
ऐसी स्थिति में यदि मैं किसी दूसरे देश के लिए खेलता हूँ तो इसमें में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। केरल हाईकोर्ट के निर्णय पर रिएक्शन देते हुए श्रीसंथ ने ट्वीट किया, "अब तक का सबसे खराब फैसला। "34 वर्षीय इस खिलाड़ी ने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स मालिकों के फिक्सिंग में दोषी पाए जाने पर दो साल का वनवास झेलने के बाद वापस लीग से जुड़ गईं। तेज गेदबाज ने कहा कि वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि लोधा समिति की रिपोर्ट में 13 लोगों के नाम का उल्लेख किया गया है। इनके बारे में कोई नहीं जानता चाहता। श्रीसंथ ने कहा कि वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
Created On :   20 Oct 2017 6:13 PM IST