मालेगांव ब्लास्ट केस : कर्नल श्रीकांत, साध्वी प्रज्ञा समेत 7 के खिलाफ आरोप तय

Sadhvi Pragya among seven Charged In 2008 Malegaon Blast Case
मालेगांव ब्लास्ट केस : कर्नल श्रीकांत, साध्वी प्रज्ञा समेत 7 के खिलाफ आरोप तय
मालेगांव ब्लास्ट केस : कर्नल श्रीकांत, साध्वी प्रज्ञा समेत 7 के खिलाफ आरोप तय
हाईलाइट
  • NIA की स्पेशल कोर्ट ने हत्या और हत्या की कोशिश की धाराओं में ये आरोप तय किए हैं।
  • इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। UAPA और IPC की धाराओं के तहत इन पर मुकदमा चलेगा।
  • मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल श्रीकांत पुरोहित
  • साध्वी पज्ञा समेत 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी पज्ञा समेत 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। NIA की स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को हत्या और हत्या की कोशिश की धाराओं में ये आरोप तय किए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। UAPA और IPC की धाराओं के तहत इन पर मुकदमा चलेगा। बता दें कि उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकल पर बंधी विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से 7 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 

सेशन जज वीएस पडलकर ने अपने फैसले में कहा, सभी आरोपियों पर अभिनव संस्था बनाने और 2008 में मालेगांव ब्लास्ट करने का आरोप लगाया जाता है। सातों आरोपियों के खिलाफ UAPA की धारा 18 और 16, IPC की धारा 120 बी, 302, 307, 324,326,427,153ए और विस्फोटक कानून की धारा 3,4,5 और 6 के तहत आरोप तय किए गए हैं। इसमें धारा 302 हत्या, 120 बी साजिश रचने और 307 हत्या की कोशिश करने के लिए लगाई गई है। सात आरोपियों में साध्वी प्रज्ञा, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, कर्नल श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और अजय राहिरकर का नाम है।

इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट नें सोमवार को आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उधर, साध्वी प्रज्ञा ने इसे साजिश बताते हुए कहा, "पहले एनआईए ने मुझे क्लीन चिट दे दी थी। अब मेरे खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। यह कांग्रेस की साजिश थी, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि मैं निर्दोष साबित होऊंगी क्योंकि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।" आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने कहा कि "सभी आरोप बेबुनियाद हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि अभिनव भारत आतंकी संस्था नहीं है।" 

क्या है मामला?
तारीख, 29 सितंबर 2008। दिन सोमवार, रमजान का महीना। महाराष्ट्र में नासिक जिले का मालेगांव शहर। रोज की ही तरह नमाजी नमाज पढ़ने के लिए जा रहे थे। तभी एक भयंकर बम ब्लास्ट होता है। धमाके में 7 लोगों की जान चली जाती है, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो जाते है। धमाके का आरोप लगता है हिन्दू कट्टरवादी संगठनों पर। सरकार मामले की जांच ATS को सौंप देती है। जांच में "अभिनव भारत" संस्था का नाम आता है। 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाता है। बाद में जांच NIA को सौंप दी जाती है।

जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट सभी आरोपियों पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लगा देता है। जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट सुनवाई में सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखने का फैसला सुनाता है। इसके बाद 31 मई 2016 को NIA नई चार्जशीट फाइल करता है। इसमें रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की बात कही जाती है।.

इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिव नारायण कालसांगरा, श्याम भवरलाल साहू, प्रवीण टक्कलकी, लोकेश शर्मा, धानसिंह चौधरी के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक पुख्ता सबूत नहीं होने का दावा किया जाता है। मई 2016 में कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य आरोपी खुद को इस मामले से बरी करने की याचिका दाखिल करते हैं। 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे देती है।

23 अगस्त 2017 को कर्नल पुरोहित भी जमानत के बाद जेल से रिहा कर दिए जाते हैं। 27 दिसंबर अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलट देता है और मकोका को हटाने का निर्देश देता है। 30 अक्टूबर 2018 को कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 पर आतंकी साजिश और हत्या के आरोप तय कर दिए जाते हैं। 

Created On :   30 Oct 2018 5:54 PM IST

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