निर्भया मामला: 2 दोषियों की सजा के पुनर्विचार याचिका पर SC नें रखा फैसला सुरक्षित

SC reserves order on review plea by 2 death row convicts
निर्भया मामला: 2 दोषियों की सजा के पुनर्विचार याचिका पर SC नें रखा फैसला सुरक्षित
निर्भया मामला: 2 दोषियों की सजा के पुनर्विचार याचिका पर SC नें रखा फैसला सुरक्षित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया गैंगरेप के 2 दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पुनर्विचार  याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखते हुए सुनवाई पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने दोनो दोषियों की तरफ से दलीलों को सुना। बता दें कि 16 दिसंबर 2012 के बहुचर्चित सामूहिक बलात्कार कांड में सुप्रीम कोर्ट नें गैंगरेप के आरोपीयों विनय शर्मा और पवन गुप्ता समेत दो अन्य को मौत की सजा सुनाई थी।

दोषियों के वकील को मंगलवार तक रखना होगा पक्ष
सुप्रीम कोर्ट के तीन जस्टिस की बेंच ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर ऐडवोकेट सिद्धार्थ लुथरा और दोनों दोषियों के वकील ए. पी. सिंह को अगले मंगलवार तक लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा। इससे पहले कोर्ट ने एक और दोषी मुकेश की तरफ से दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अक्षय की तरफ से अभी पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल की गई है। मालूम हो कि 5 मई 2017 को शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 4 दोषियों- मुकेश (29), पवन (22), विनय शर्मा (23) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 23 साल की छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के लिए मौत की सजा पर मुहर लगाई थी।

राम सिंह ने जेल में कर ली थी खुदकुशी
बता दें कि 3 फरवरी को वरिष्ठ एडवोकेट राजू रामचंद्रन नें एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें इस सुनवाई के दौरान अनियमितताओं की बातें कही गई थी। जिसके बाद से मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट भी आरोपियों को मौत की सजा सुना चुकी है। सजा के बाद ही आरोपी राम सिंह नें जेल में ही खुदकुशी कर ली थी, वहीं अगस्त 2013 को कोर्ट नें घटना के वक्त नाबालिग आरोपी को तीन साल तक सुधार गृह में रखने का आदेश दिया था।

क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 2012 में 16-17 दिसंबर की दरम्यानी रात चलती बस में एक 23 साल की युवती के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना नें देश को झंकझोर कर रख दिया था। 6 लोगों द्वारा किए इस दुष्कर्म में पीड़िता के कई आंतरिक अंगों पर गहरी चोट आई थी। जिसके बाद 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया था। इस घटना नें देश में महिला सुरक्षा पर एक नए बहस को जन्म दिया था। इसके बाद ही ऐसी घटनाओं में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की शुरूआत हुई।

Created On :   4 May 2018 6:08 PM GMT

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