सुप्रीम कोर्ट तय करेगा दिल्ली का बॉस कौन, एलजी या सीएम?

SC to hear Delhi govts challenge of HC verdict in favour of LG today
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा दिल्ली का बॉस कौन, एलजी या सीएम?
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा दिल्ली का बॉस कौन, एलजी या सीएम?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SC मंगलवार को दिल्ली सरकार के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले मामले पर सुनवाई करेगी। दरअसल दिल्ली सरकार ने SC में हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए अपील की थी जिसमें कहा गया था कि लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) दिल्ली के "बॉस" हैं। SC के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं।

किस कानून में दिल्‍ली को भारत की राजधानी कहा गया है


14 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान एलजी और आप सरकार की शक्तियों पर बहस के दौरान दिल्ली सरकार ने SC से पूछा कि क्‍या संविधान या संसद से पारित किसी कानून के द्वारा दिल्‍ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। दिल्‍ली सरकार की तरफ से पेश सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि दिल्‍ली को भारत की राजधानी घोषित करने के संबंध में इस तरह का कोई भी संदर्भ संविधान या किसी कानून के तहत नहीं मिलता।

एक जहाज के दो कप्‍तान नहीं हो सकते


आप सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि एक जहाज के दो कप्तान रहने पर अव्यवस्था होगी। पीठ ने कहा, "केंद्र शासित क्षेत्र दिल्ली के मामले में ये प्रावधान किस तरह से लागू होंगे।" जयसिंह ने कहा, "केंद्र कैसे कह सकता है कि आपके पास कार्यकारी शक्ति नहीं है। मैं विधायी शक्तियों पर इस स्थिति को समझ सकती हूं।" उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 239 एए और दिल्ली सरकार की कार्यकारी शक्तियों की व्याख्या के दौरान न्यायालय को दिल्ली के केंद्र शासित क्षेत्र होने की शब्दावली को लेकर दिशा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, राज्य और केंद्र के बीच जिम्मेदारियों की अस्‍पष्‍टता नहीं होनी चाहिए।

इससे पहले उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख बताने वाले, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की विभिन्न याचिकाओं पर 2 नवंबर को SC ने सुनवाई की। SC ने सख्त टिप्पणी करते हुए केजरीवाल सरकार को गहरा झटका दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल सरकार को स‌ंविधान के दायरे में रहना होगा। पहली नजर में एलजी के अधिकार राज्य सरकार से ज्यादा हैं। 

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सामान्य राज्य नहीं बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए यहां राज्य सरकार के अधिकार अन्य राज्यों की तरह नहीं हो सकते। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार और एलजी के बीच अधिकारों को लेकर कोई विवाद होता है तो उन्हें राष्ट्रपति के पास जाना चाहिए क्योंकि संविधान के अनुसार असल मुखिया वही हैं।

Created On :   28 Nov 2017 3:00 AM GMT

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