बागेश्वरधाम विवाद में हुई शंकराचार्य की एंट्री, कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को दिया चैलेंज, कहा - अपने चमत्कार से जोशीमठ में आईं दरारे भरकर दिखाएं?

Shankaracharyas entry in the Bageshwardham dispute, challenge given to storyteller Dhirendra Krishna Shastri, said - Show me by filling the cracks that came in Joshimath with your miracle?
बागेश्वरधाम विवाद में हुई शंकराचार्य की एंट्री, कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को दिया चैलेंज, कहा - अपने चमत्कार से जोशीमठ में आईं दरारे भरकर दिखाएं?
बागेश्वरधाम विवाद बागेश्वरधाम विवाद में हुई शंकराचार्य की एंट्री, कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को दिया चैलेंज, कहा - अपने चमत्कार से जोशीमठ में आईं दरारे भरकर दिखाएं?
हाईलाइट
  • चमत्कार दिखाने वाले यदि जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा को रोक कर दिखाएं

डिजिटल डेस्क, बिलासपुर। बीते कुछ दिनों से देशभर में बागेश्वर धाम को लेकर चर्चा अपने चरम पर है। मीडिया में चारों तरफ बागेश्वर धाम को लेकर ही बहस चल रही है। बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने चमत्कार को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। कुछ लोग उनके चमत्कार को नमस्कार कर रहे हैं जबकि कुछ उन पर सवाल उठा रहे हैं। 

इस विवाद में अब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की एंट्री भी हो गई है। हिंदु धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरू शंकराचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों को चैलेंज दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कहा है कि चमत्कार का दावा करने वाले उत्तराखंड के जोशीमठ जाएं और वहां पड़ रही दरारों और धसकती जमीन को रोककर बताएं। अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर हम भी उनके चमत्कार को नमस्कार करते हुए उनके जयकारे लगाएंगे। हालांकि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से किसी का नाम लिया गया, पर उनकी बात से साफ है उनका इशारा बागेश्वरधाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की तरफ था। 

चमत्कार करने वाले जोशीमठ की प्राकृतिक आपदा रोकें

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से जब बागेश्वरधाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके चमत्कारों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 'चमत्कार दिखाने वाले यदि जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा को रोक दें, वहां के मकानों और मठों में आई दरारों को अपने चमत्कारों से भर दें तो वो भी उनका स्वागत करेंगे। उनका स्वागत में फूल बिछाएंगे और उनसे कहेंगे कि आओ, ये जो दरारे आई हैं, जमीन धसकी है उसे जोड़ दो।'

'हम लोग तो ऐसा कोई चमत्कार नहीं जानते'

शंकराचार्य ने कहा कि सारे देश की जनता की यही इच्छा है कि कहीं कोई चमत्कार हो जाए। अगर किसी के पास चमत्कार करने की शक्ति आ गई है तो वह जादूगरों जैसे अपना जादू दिखाए और जोशीमठ की प्राकृतिक आपदा से वहां की जनता को बचाए। यदि ऐसा कोई कर पाता है तो हम भी उसकी जयजयकार करेंगे। और अगर ऐसा नहीं हो पाता तो वो चमत्कार नहीं बस एक छलावा मात्र है।  

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि अगर कोई ऐसा चमत्कारी पुरूष है तो वो देश में हो रहा धर्मांतरण रोक दे। लोगों की आत्महत्या रोक दे। लोगों के बीच हो रहे झगड़ों को रोक दे। उनको ऐसा ज्ञान दे कि वो एक-दूसरे से प्यार करने लगें। जो विभिन्न वर्गों के बीच विद्वेष हो रहे हैं उन्हें रोक दे। ऐसा कुछ जनकल्याण और राष्ट्र कल्याण के लिए करे तब हम उन्हें चमत्कारी पुरूष कह सकते हैं। 

बता दें कि उत्तराखंड के धार्मिक स्थल जोशीमठ में भूधंसाव की घटना से सरकार से संत समाज तक परेशान है। यहां जमीन धंसने से अब तक 863 इमारतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। इसके अलावा सड़कों और सार्वजनिक सुविधा के स्थानों में भी दरारें आ गई हैं। ऊपर से भीषण सर्दी और बर्फबारी के कारण बेघर हुए लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। 

Created On :   22 Jan 2023 6:02 AM GMT

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