'हमें नौकरी नहीं, एक्शन चाहिए', मंदसौर में सीएम को किसानों की खरी-खरी

shivraj singh bashed by kisan families in mandsaur
'हमें नौकरी नहीं, एक्शन चाहिए', मंदसौर में सीएम को किसानों की खरी-खरी
'हमें नौकरी नहीं, एक्शन चाहिए', मंदसौर में सीएम को किसानों की खरी-खरी

टीम डिजिटल, मंदसौर. गोलीकांड में मारे गए किसान परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने यहां पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान को किसानों ने जमकर खरीखोटी सुनाई. पुलिस की गोली के शिकार हुए घनश्याम के परिजनों ने कहा कि हमें नौकरी नहीं, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई चाहिए. एक किसान की पत्नी रेखा ने पूछ लिया कि क्या आप पुलिस को हम पर गोली चलाने का आदेश दे सकते हैं? इससे पहले सीएम के पहुंचने से पहले मंदसौर में धारा 144 को हटा लिया गया था. 

यें किसानों की मागें

  • सीएम पुलिस कार्रवाई में मारे गए घनश्याम (32) के पिता दर्गालाल से मिले. लाठीचार्ज में घायल होने के बाद घनश्याम को इंदौर ले जाया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. पिता ने कहा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कारवाई हो. हमें सरकारी नौकरी या सहायता राशि नहीं चाहिए. बस दोषियों पर कार्रवाई हो.
  • इसके बाद सीएम महिलाओं से मिलने घर के भीतर पहुंचे. यहां पत्नी रेखा से आक्रोश में आकर कहा कि आप पुलिस को गोली चलाने का आदेश दे सकते हो क्या? इस पर सीएम खामोश हो गए. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं खुद इस मामले का देख रहा हूं, दोषियों को दंड मिलेगा.
  • परिजनों का कहना है कि सरकार घनश्याम धाकड़ के 5 वर्षीय बेटे और 2 महीने की बेटी की पूरी जिम्मेदारी लें. सरकार पढ़ाई की जिम्मेदारी ले. 
  • गांववालों ने मांग की है कि गांव के जिन अन्य किसानों को जेल में बंद किया गया है उन्हें छुड़ाया जाए.
मारे गए किसान कहां से थे?
किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 6 किसान की मौत हो गई थी. 32 साल के घनश्याम बड़वन से थे. इसके अलावा 40 साल के कन्हैयालाल चिल्लौद पिपलिया के रहने वाले थे. 5 साल के बबलू टकरावद और 17 साल के अभिषेक बरखेड़ापंत से थे. वहीं, चैनराम नयाखेड़ा के रहने वाले थे.

Created On :   14 Jun 2017 8:26 AM GMT

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