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लुधियाना के शेल्टर होम से 30 बच्चे मिसिंग, FIR दर्ज
हाईलाइट
- मुजफ्फरपुर और यूपी के बाद अब पंजाब के लुधियाना के शेल्टर होम का मामला सामने आया ।
- लुधियाना के शेल्टर होम से 30 बच्चों के गायब होने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई।
- यह खुलासा जिला बाल संरक्षण अधिकारी रश्मि सैनी ने किया है।
डिजिटल डेस्क, लुधियाना । मुजफ्फरपुर और यूपी के शेल्टर होम केस के बाद अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला पंजाब के लुधियाना के शेल्टर होम का है। लुधियाना के शेल्टर होम से 30 बच्चों के गायब होने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई है। यह खुलासा जिला बाल संरक्षण अधिकारी रश्मि सैनी ने किया है। रश्मि सैनी के मुताबिक, बिहार झारखंड से आई 38 नाबालिग लुधियाना के फुलानवल शेल्टर होम में रह रही थीं। पुलिस ने शेल्टर होम के मालिक सत्येंद्र प्रकाश मूसा को गिरफ्तार कर लिया है।
38 minors from Jharkhand&Bihar who were living in a shelter home in Phullanwal (Ludhiana) have been rescued. All are safe now. Children haven't complained of any problem. It was an unregistered shelter home.Enquiry underway: Rashmi Saini, District Child Protection Officer.#Punjabpic.twitter.com/UXB8EZa2vX
— ANI (@ANI) August 29, 2018
एफआईआर के अनुसार, लुधियाना के फुल्लनवाला में बच्चों के एक अवैध शेल्टर होम में तस्करी और धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। शेल्टर होम के मालिक सत्येंद्र प्रकाश मूसा के पास जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत शेल्टर होम का रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। झारखंड और बिहार से कथित रूप से तस्करी करके बच्चों को पंजाब के लुधियाना लाया गया।जहां कथित तौर पर बच्चों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बना दिया गया। जिसमें अधिकतर बच्चे आदिवासी हैं। झारखंड पुलिस के मुताबिक बिहार और झारखंड बच्चों को पहले लुधियाना में गैर कानूनी स्कूल में भर्ती कराया गया और बाद में शहर के एक अन्य स्कूल में दाखिल कराया गया। इस मामले की जांच की जा रही है। कथित धर्म परिवर्तन का मामला जांच के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के अनुसार कुछ बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया गया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।