स्क्रब टाइफस से छह लोगों की मौत, 648 मामले पॉजिटिव

Six people died of scrub typhus, 648 positive cases
स्क्रब टाइफस से छह लोगों की मौत, 648 मामले पॉजिटिव
हिमाचल प्रदेश स्क्रब टाइफस से छह लोगों की मौत, 648 मामले पॉजिटिव

डिजिटल डेस्क,शिमला। हिमाचल प्रदेश में जनवरी से 12 अक्तूबर तक स्क्रब टाइफस से छह लोगों की मृत्यु हुई और करीब 4382 टेस्ट किए गए, जिनमें 648 लोग स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाए गए। यह जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां दी। प्रवक्ता ने बताया कि इसी अवधि के दौरान जिला बिलासपुर में 132, चंबा में 45, हमीरपुर में 56, कांगड़ा में 63, किन्नौर में 3, कुल्लू में 17, मंडी में 97, शिमला में 153, सिरमौर में 25, सोलन में 37, ऊना में 19 के अलावा आईजीएमसी शिमला व मेडिकल कॉलेज टांडा में एक-एक मामला स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि स्क्रब टाइफस से बचाव के द्दष्टिगत अपने घरों और आसपास के क्षेत्र में झाडियां और घास फूस न उगने दें। झाडियों और घास फूस में पाए जाने वाले कीड़ों के माध्यम से यह रोग फैलता है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। प्रवक्ता के अनुसार डेंगू और चिकनगुनिया के मामले जहां शहरी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, वही स्क्रब टाइफस के मामले अधिकतर गांवों में सामने आते हैं। स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरिया का संक्रमण है और इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं। इस बीमारी में सिर दर्द, सर्दी लगना, बुखार, शरीर में दर्द तथा तीसरे से पांचवे दिन के बीच शरीर पर लाल दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैैं। मरीज में रोग के सभी या कुछ लक्षण सामने आ सकते हैं।

इस रोग की अवधि दो से तीन सप्ताह की होती है। यह रोग कीड़ों के काटने से फैलता है। संक्रमित होने के पश्चात् मरीज बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करता है और कुछ लोगों में जी-मिचलाने की भी शिकायत देखी जाती है। स्क्रब टाइफस बुखार 7 से लेकर 12 दिनों तक रहता है। बुखार बिगड़ने की स्थिति में कमजोरी और अधिक बढ़ती है। मरीज को बेहोशी और हृदय संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। बुखार के चैाथे से छठे दिन के भीतर शरीर पर दाने निगल आते हैं। यह रोग कम आयु के लोगों के खतरनाक नहीं होता है, लेकिन 40 वर्ष से अधिक आयु के 50 प्रतिशत मरीजों और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मरीजों के लिए स्क्रब टाइफस जानलेवा भी हो सकता है। प्रवक्ता के अनुसार किचन गार्डन में दवा का छिड़काव करें ताकि इस रोग के संक्रमण से बचा जा सकें। इस रोग के उपचार के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। 

(वार्ता)
 

Created On :   11 Oct 2021 8:34 PM IST

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