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10 बार सांसद रहे पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी का 89 वर्ष की उम्र में निधन
हाईलाइट
- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का निधन।
- किडनी की बीमारी से पीड़ित थे।
- कोलकता के निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सोमवार सुबह सोमनाथ दा को दिल का दौरा आया, जिससे उनका निधन हो गया। चटर्जी किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें 10 अगस्त को इलाज के लिए कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक चटर्जी की हालत में बेहद नाजुक बताई जा रही थी। इससे पहले चटर्जी को पहले 28 जून को भी तबीयत बिगड़ने पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर 10 अगस्त को उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
Former Lok Sabha speaker Somnath Chatterjee passes away at the age of 89 years in a Kolkata hospital. pic.twitter.com/gNKE8hwRLB
— ANI (@ANI) August 13, 2018
10 बार सांसद रहकर बनाया रिकॉर्ड
सोमनाथ चटर्जी मशहूर वकील निर्मल चंद्र चटर्जी के बेटे हैं। निर्मल चंद्र अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थापक भी थे। सोमनाथ चटर्जी ने सीपीएम के साथ राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में की और 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे। 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए और इसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे। चटर्जी 10 बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए। साल 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। राजनीतिक करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करने वाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हार गए थे। 1984 में जादवपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तब सीपीएम के इस कद्दावर नेता को हराया था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।