संक्रमण का पता लगाने के लिए सीरो सर्वे कराएं राज्य : ICMR
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने बिना लक्षण वाले लोगों समेत अत्यधिक जोखिम वाले आबादी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए राज्यों से सीरो-सर्वे कराने की सलाह दी है। सीरो-सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है। इससे लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी के साथ ही यह पता चल जाता कि कौन व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित था और अब ठीक हो चुका है।
आइसीएमआर ने कहा है कि सर्वेक्षण में संक्रमण के प्रसार के बारे में पता लग जाने पर उसे नियंत्रित करने और उसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं बनाई और लागू की जा सकेंगी। स्वास्थ्य अनुसंधान परिषद ने सुझाया है कि कोविड-19 एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए अत्यधिक जोखिम या इस महामारी की चपेट में आने की आशंका वाले स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों, पुलिसकर्मियों के खून के सीरम की जांच कराई जानी चाहिए।
भारतीय आबादी में सामुदायिक संक्रमण का पता लगाने के लिए आइसीएमआर अपनी तरह से भी सीरो सर्वे करा रही है। संस्था के एक अधिकारी ने कहा कि इस सर्वे में 70 जिलों के लोगों की कोविड-19 के लिए रैंडम जांच की जाएगी। इससे व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता चल जाएगा, भले ही उसमें इस महामारी के लक्षण नजर नहीं आ रहे हों।
अधिकारी के मुताबिक इसके नतीजे अगले हफ्ते तक जारी किए जा सकते हैं। आइसीएमआर ने यह भी कहा है कि हर 15 दिन पर सीरो-सर्वे कराना नीति निर्माताओं के लिए उपयोगी है और इस सर्वे के लिए आइजीजी एलिसा टेस्ट पर जोर दिया है। मरीज जब ठीक हो जाता है तो संक्रमण शुरू होने के दो हफ्ते बाद उसके शरीर में एंटीबॉडी का विकास होने लगता है और कई महीनों तक बना रहता है।महामारी के खिलाफ कार्ययोजना बनाने के लिए आइसीएमआर ने सभी राज्यों को विस्तृत योजना के बारे में जानकारी दी है।
Created On :   31 May 2020 10:56 AM IST