सेना पर FIR : सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। शोपियां मामले में सैनिकों के खिलाफ दर्ज हुई FIR को लेकर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। स्वामी ने कहा है कि सेना के खिलाफ दर्ज FIR पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक खारिज नहीं किया है, जो यह बताता है कि रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर सीएम को सेना पर FIR करने की मंजूरी दी होगी। स्वामी ने शनिवार को ट्वीट किया, "जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सेना के खिलाफ हुई FIR पर मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती के दिए बयान को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने खारिज करने से मना कर दिया। वे इस मुद्दे पर पिछले एक हफ्ते से खामोश है। संभव है कि उन्होंने सेना पर FIR को मंजूरी दी हो। पार्टी को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।"
Raksha Mantri Ms. Sitharaman has refused to deny the JK Assembly statement of CM Mehbooba Mufti on the FIR, that RM pre-approved the idea. RM"s one week of silence calls for party"s notice of issue. We cannot allow the FIR
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 3, 2018
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गौरतलब है कि शोपियां में सुरक्षाबलों की गोलियों से 3 कश्मीरी युवकों की मौत हो गई थी। इस मामले में सेना के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने FIR दर्ज की है। इस FIR पर बढ़ते विरोध को लेकर सीएम महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में बयान दिया था कि उन्होंने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से बात करने के बाद सेना के खिलाफ FIR दर्ज की है।
सेना के काफिले पर पत्थर बरसा रहे थे कश्मीरी युवक
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 27 जनवरी को 200 से 250 पत्थरबाज सेना की काफिले को निशाना बना रहे थे। शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सुरक्षा बलों के एक काफिले पर पत्थरबाजों ने पथराव किया था। जवाबी कार्रवाई में सेना को फायरिंग करनी पड़ी थी। फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौके पर ही मौत हो गई थी और एक अन्य की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में सेना के मेजर समेत कुछ सैनिकों पर FIR दर्ज की है। जम्मू-कश्मीर सीएम महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए हैं। सेना की ओर से भी इस मामले में काउंटर FIR दर्ज की गई है।
पीडीपी-बीजेपी में दरार
इस मामले पर पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान चल रहा है। विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस जहां इस मामले में पत्थरबाजों के साथ खड़ी है। वहीं बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में भी इस मामले पर टकराव है। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के विपरीत बयानबाजी कर रहे हैं। पीडीपी नेता जहां इस मामले में पूरी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं बीजेपी ने सेना की कार्रवाई को बिल्कुल जायज ठहराया है। बीजेपी ने यह भी मांग की है कि इस मामले में सेना के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की जानी चाहिए थी।
सेना का दावा- फायरिंग के अलावा कोई विकल्प नहीं था
सेना का दावा है कि इस घटना में पत्थरबाजों ने सैनिकों को चरम सीमा तक उकसाया दिया था। सेना के काफिले पर हिंसक भीड़ लगातार पत्थर बरसा रही थी। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी भीड़ द्वारा पत्थर बरसाए जा रहे थे। भीड़ के उग्रपन को देखते हुए सेनिकों को मजबूरन फायरिंग करनी पड़ी। सेना का यह भी कहना है कि इस मामले में आंतरिक जांच में पाया गया है कि सैनिकों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था। यह साफतौर पर आत्म-रक्षा में और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए की गई कार्रवाई थी।
Created On :   3 Feb 2018 5:01 PM IST