स्वामी का पीएम मोदी को लेटर, सुझाया राम मंदिर बनाने का फॉर्मूला

Subramanian Swamy writes letter to PM Narendra Modi
स्वामी का पीएम मोदी को लेटर, सुझाया राम मंदिर बनाने का फॉर्मूला
स्वामी का पीएम मोदी को लेटर, सुझाया राम मंदिर बनाने का फॉर्मूला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर निर्माण का फॉर्मूला मोदी सरकार को सुझाया है। इसके लिए उन्होंने अध्यादेश लाएं जाने की मांग मोदी सरकार से की है। पीएम मोदी को लिके एक लेटर में इस बात का जिक्र किया गया है। इसमे स्वामी ने लिखा है, कांग्रेंस से प्रभावित वकील इस केस में अड़ंगा डाल रहे है। ऐसे में अध्यादेश लाकर पीएम मोदी संविधान और कानून की मदद ले सकते है।

केस की प्रगति रोकना कांग्रेस का एजेंडा
स्वामी ने लिखा है, "सरकार राम जन्मभूमि के स्वामित्व पर एक अध्यादेश ला सकती है और इस तरह एक प्रतिष्ठित निकाय को जमीन सौंपने के लिए कानून पारित कर सकती है।" कानून बनाकर जमीन को आगम शास्त्र में निपुण धर्मगुरुओं के संगठन को सौंपा जाए, ताकि राम मंदिर का निर्माण हो सके। स्वामी ने आगे लिखा है कि मौजूदा दावेदारों की क्षतिपूर्ति होनी चाहिए। वहीं उन्होंने लिखा, कांग्रेस प्रभावित वकीलों का यह एजेंडा है कि इस केस में प्रगति होने से रोके। 

स्वामी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट कर चुका है खारिज
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर सुनवाई करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका समेत कुल 32 याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड़ की याचिकाएं भी शामिल थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वह किसी भी पार्टी को समझौते के लिए नहीं कह सकती है। किसी पर भी समझौते के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। सुप्रीम कोर्ट साफ कहा था कि अब वह अयोध्या मामले में केवल उन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जो तीसरे पक्ष की नहीं है। वहीं इससे पहले फरवरी में मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को सिर्फ एक प्रोपर्टी से जुड़ा मामला बताया था। कोर्ट ने कहा था आस्था जैसी बात अदालत के लिए कोई मायने नहीं रखती है।

क्या है पूरा विवाद? 
अयोध्या विवाद इस देश का सबसे बड़ा विवाद है, जिस पर राजनीति भी होती रही है और सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की है। हिंदू पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और इस जगह पर पहले राम मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1528 में तोड़कर यहां पर मस्जिद बना दी थी। तभी से हिंदू-मुस्लिम के बीच इस जगह को लेकर विवाद चलता रहा है। अयोध्या विवाद ने 1989 के बाद से तूल पकड़ा और 6 दिसंबर 1992 को हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और अब सुप्रीम कोर्ट में है।

Created On :   17 March 2018 8:44 PM IST

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