'घर का मामला था, जिसे सुलझा लिया गया है': जज विवाद पर बोले BCI चीफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चीफ मनन मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जज विवाद के सुलझने की जानकारी दी। मनन मिश्रा ने प्रेस कॉनफ्रेंस में बताया कि "ये जजों का आंतरिक मामला था और इसे अब सुलझा लिया गया है।" मनन मिश्रा ने आगे कहा कि अब सबकुछ सामान्य है और सुप्रीम कोर्ट में अब पहले की तरह काम हो रहा है। बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जज जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा पर कई आरोप लगाए थे।
घर का मामला था, घर में सुलझ गया
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चेयरमैन मनन मिश्रा ने कहा कि "ये घर का मामला था और इसे घर में ही सुलझा लिया गया है।" वहीं इन जजों पर कार्रवाई करने से इनकार करते हुए मनन मिश्रा ने कहा कि "जब उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों? सुप्रीम कोर्ट में इतने सारे लोग हैं। सबकी अपनी राय हो सकती है, अपना नजरिया हो सकता है। उन चारों को जो गलत लगा, उन्होंने मीडिया के सामने आकर कहा। इसमें कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं।"
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रविवार को BCI ने CJI से की थी मुलाकात
इससे पहले रविवार को ही मनन मिश्रा ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा से घर जाकर मुलाकात की थी। मुलाकात होने के बाद भी मनन मिश्रा ने कहा था कि सीजेआई ने विवाद सुलझाने का पूरा भरोसा दिलाया है। BCI से पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी सीजेआई दीपक मिश्रा से मुलाकात की थी। बार एसोसिएशन के चीफ विकास सिंह ने भी कहा था कि इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी इसी तरह की बात कही थी।
PM के पीएस से नहीं मिले थे CJI
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के एक दिन बाद यानी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्र, सीजेआई दीपक मिश्रा के घर गए थे। पीएम मोदी के पीएस नृपेंद्र मिश्र की कार को सीजेआई के घर के बाहर देखा गया था, लेकिन उस दिन सीजेआई दीपक मिश्रा ने नृपेंद्र मिश्र से मिलने से इनकार कर दिया था। इसके बाद नृपेंद्र मिश्र ने कहा था कि वो उनके घर नववर्ष की शुभकामनाएं देने गए थे और पूजा करने के कारण दीपक मिश्रा से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, देश के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉनफ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया से बात की। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने भी की, लेकिन उन्होंने बात को नहीं माना। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "किसी भी देश के लोकतंत्र के लिए जजों की स्वतंत्रता भी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा। हमने चीफ जस्टिस को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नहीं समझ पाए।" उन्होंने आगे कहा कि "हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था, इसी कारण मजबूरी में हमें मीडिया के सामने आना पड़ा।" इसके अलावा इन चारों जजों ने चीफ जस्टिस पर ये भी आरोप लगाए कि "चीफ जस्टिस सीनियर जजों की बात नहीं सुनते हैं।"
Created On :   15 Jan 2018 2:45 PM IST