राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, अवमानना का मुकदमा दर्ज

Supreme Court took suo motu cognizance of Rajdeep Sardesais tweet
राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, अवमानना का मुकदमा दर्ज
राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, अवमानना का मुकदमा दर्ज
हाईलाइट
  • 13 फरवरी को आपराधिक अवमानना मामले के रूप में दर्ज किया गया
  • राजदीप के ट्वीट ने न्यायपालिका पर लांछन लगाने का काम किया
  • आस्था ने अपनी शिकायत में सरदेसाई के ट्वीट को सस्ता पब्लिसिटी स्टंट करार दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मुकदमा दायर किया है। राजदीप की ओर से अदालती कार्यवाही के संबंध में किए गए ट्वीट के मामले में शीर्ष अदालत ने आस्था खुराना की याचिका पर यह कदम उठाया है। खुराना ने आरोप लगाया है कि राजदीप की ओर से पिछले साल किए गए ट्वीट ने न्यायपालिका पर लांछन लगाने का काम किया है।

खुराना ने पिछले साल इस मामले के लिए अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल से सहमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सहमति देने से इनकार कर दिया था। खुराना के वकील ओमप्रकाश के मुताबिक, एजी के इनकार के बाद, याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत में एक नई याचिका दायर की थी, जिसे इस साल 13 फरवरी को आपराधिक अवमानना मामले के रूप में दर्ज किया गया। आस्था ने अपनी शिकायत में सरदेसाई के ट्वीट को सस्ता पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है।

याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा है कि सरदेसाई का बयान न केवल एक सस्ता प्रचार स्टंट है, बल्कि शीर्ष अदालत और न्यायपालिका के खिलाफ एक तरह से मशीनरी के रूप में विरोध करते हुए भारत विरोधी अभियान के रूप में नफरत फैलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।

याचिकाकर्ता ने अगस्त 2020 में किए सरदेसाई के ट्वीट का हवाला दिया, जहां उन्होंने अदालत की अवमानना के लिए अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर लगाए गए एक रुपये के दंड की आलोचना की थी और एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि शीर्ष अदालत किसी भी वकील को प्रैक्टिस से हटा नहीं सकती है।

दलील में कहा गया है कि बाद में उनके द्वारा इस ट्वीट को हटा दिया गया था, लेकिन इसे मीडिया में भारी प्रचार मिला है और इसने शीर्ष अदालत की निष्पक्षता पर फिर से सवाल उठाया है, जो न्यायपालिका के लिए एक बड़ा खतरा है। याचिका में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि सरदेसाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का अपमान किया है।

Created On :   16 Feb 2021 6:13 PM GMT

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