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टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र सेमिस्टर फीस देने को बाध्य नहीं

हाईलाइट
- टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र सेमिस्टर फीस देने को बाध्य नहीं
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, फार्मेसी आदि से जुड़े टेक्निकल कॉलेज एवं संस्थान फिलहाल छात्रों को फीस जमा कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। छात्रों को यह राहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक फैसले से मिली है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर एआईसीटीई ने इन कॉलेजों को एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में लॉकडाउन के दौरान छात्रों से सेमिस्टर ट्यूशन फीस न लेने को कहा है।
एआईसीटीई के चैयरमेन अनिल सहस्त्रबुद्धि ने एक अहम निर्णय लेते हुए कहा, लॉकडाउन की स्थिति समाप्त होने तक छात्रों से सेमिस्टर ट्यूशन फीस न ली जाए। लेकिन एग्जाम फीस एक साधारण रकम है जिसे छात्रों द्वारा भर दिया जाना चाहिए।
हालांकि एआईसीटीई ने अपने इस निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि छात्रों को ट्यूशन फीस से राहत एक अस्थाई व्यवस्था है। स्थिति सामान्य होने के उपरांत विभिन्न तकनीकी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को सेमेस्टर ट्यूशन फीस जमा करानी होगी।
सभी कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड यह जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
छात्र शिक्षक या फिर शिक्षण संस्थान सोशल मीडिया पर मौजूद किसी फेक न्यूज के कारण परेशानी में न आए इसके लिए छात्रों को एआईसीटीईए यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारियों पर ही विश्वास करने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम भी इस दौरान पहले की तरह चालू रहेगी। लॉकडाउन के चलते जो छात्र इंटर्नशिप नहीं कर पाए हैं, वे घर पर बैठकर ऑनलाइन इसे पूरा कर सकते हैं। वहीं ऑनलाइन परीक्षा और सेमेस्टर परीक्षा पर यूजीसी की कमेटी रिपोर्ट तैयार कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर एआईसीटीई 2020 के लिए नया अकेडमिक कलेंडर और वार्षिक परीक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी करेगी।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।