सिल्दा कैंप हमला मामले के आरोपी को 12 साल बाद मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के सिल्दा में ईस्टर्न फ्रंटियर राइफल्स (ईएफआर) कैंप पर उग्रवादी हमले के एक विचाराधीन आरोपी को बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 12 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद जमानत दे दी। 15 फरवरी, 2010 को वामपंथी चरमपंथी कैडरों द्वारा किए गए हमले में 24 ईएफआर कर्मियों की मौत हो गई थी।
अनुवर्ती पुलिस कार्रवाई में, एक उग्रवादी कार्यकर्ता, प्रशांत पात्रा उसी वर्ष गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल था। तब से, पात्रा सलाखों के पीछे बंद था, क्योंकि उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा वर्षों से जारी था।
हालांकि, बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस अनन्या बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि निकट भविष्य में मुकदमे के खत्म होने की संभावना बहुत कम है।
बेंच ने कहा, 70 गवाहों में से, केवल 34 गवाहों से अभी तक पूछताछ की गई है। यह भी प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सबूत सामान्य और सर्वव्यापक हैं। याचिकाकर्ता मानसिक समस्याओं से पीड़ित है और उसे सुधार गृह में मनोरोग संस्थान में भर्ती कराया गया था।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को जमानत देते हुए यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 57 के अनुसार सजा की शर्तों के अंशों की गणना में (कारावास) 20 साल के बराबर माना जाएगा।
पीठ के अनुसार, चूंकि इस विशेष मामले में, याचिकाकर्ता पहले ही 20 साल की सीमा का आधा पार कर चुका है और वह 12 साल से अधिक समय से हिरासत में है और चूंकि पीठ के सामने यह दिखाने के लिए कुछ भी नहीं रखा गया है कि उसने देरी में योगदान दिया था या अपराध में एक गंभीर भूमिका निभाई थी, तो उसकी जमानत याचिका को अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने कहा, उपरोक्त कारणों से, हम याचिकाकर्ता को जमानत के विशेषाधिकार का विस्तार करने के लिए राजी हैं।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील कौशिक गुप्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि खंडपीठ का यह फैसला न केवल इस विशेष याचिकाकर्ता के लिए बल्कि उन सभी विचाराधीन कैदियों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जो वर्षों से सलाखों के पीछे हैं। गुप्ता ने कहा, यह फैसला सुनवाई पूरी होने से पहले ही जमानत के हकदार होने के उनके अधिकारों को बरकरार रखता है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   6 July 2022 8:00 PM IST