अबू सलेम जिस महिला से शादी करना चाहता है उसका नाम कौसर बहार है। इस महिला से सलेम की मुलाकात साल 2014 में एक रेल यात्रा के दौरान हुई थी। महिला भी अबू सलेम से शादी करने के लिए राजी है, उसने अबू सलेम से शादी करने की इजाजत के लिए कोर्ट में आवेदन भी पेश किया था। हांलाकि अदालत ने कौसर के आवेदनों को खारिज कर दिया था। कौसर ने स्थानीय कोर्ट में सलेम से शादी करने की इजाजत न मिलने के चलते एक अर्जी पेशकर आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी। साथ ही महिला ने यह भी कहा था कि अबू सलेम के साथ कथित रूप से विवाह की खबरों के चलते उसकी बदनामी हुई है। 1993 बम धमाकों में शामिल अबू सलेम के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए 2005 में उसे पुर्तगाल से प्रत्यार्पित कर भारत लाया गया था। मुंबई की विशेष अदालत ने सलेम को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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निकाह के लिए पैरोल चाहता था डॉन अबू सलेम , याचिका हाई कोर्ट से खारिज
हाईलाइट
- अबू सलेम की शादी करने के लिए पेरोल की याचिका खारिज।
- बाम्बे हाईकोर्ट ने खारिज करी याचिका।
- कौसर बहार से करना चाहता है शादी।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की शादी करने के लिए पैरोल की याचिका को बाम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम ने शादी करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर 45 दिनों की पैरोल मांगी थी। तलोजा जेल में सजा काट रहे अबू सलेम की अर्जी को पहले भी सुरक्षा कारणों के कारण खारिज कर दिया गया था।
Bombay High Court rejects Abu Salem's plea seeking parole of 45 days to get married. Salem is a convict in 1993 serial blasts. #Maharashtrapic.twitter.com/grwaXJAPvN
— ANI (@ANI) August 7, 2018
बिना दिमाग लगाए अर्जी खारिज की-वकील
बाम्बे बम धमाकों के दोषी अबू सलेम के वकील फरहाना शाह ने कहा कि कोंकण डिविजनल कमिश्नर और अपील प्राधिकारियों ने 'बिना दिमाग लगाए' सलेम की तरफ से पेश की गई पैरोल की याचिका खारिज कर दी। इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक चीफ जस्टिस विजया कापसे ताहिलरमानी और जस्टिम महेश सोनक की बेंच ने की है।

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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।