अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले देश के सभी मौलाना बोले- फैसले का सम्मान करें, संयम बनाएं

The Maulanas urged everyone to accept the Supreme Courts verdict on Ayodhya
अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले देश के सभी मौलाना बोले- फैसले का सम्मान करें, संयम बनाएं
अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले देश के सभी मौलाना बोले- फैसले का सम्मान करें, संयम बनाएं

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अयोध्या मामले में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले किसी प्रकार का माहौल खराब न हो, इसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं और मौलानाओं ने लोगों से शांति और अमन की आपील की है, और साथ ही सभी ने एक सुर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने का सभी से आग्रह किया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, देश की सबसे बड़ी अदालत से मुल्क का सबसे संवेदनशील फैसला आने वाला है। इसका सम्मान सबको करना होगा। फैसला किसी के पक्ष में आए, देश में शांति और अमन कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। मौलाना ने कहा, फैसले के बाद न जीत का जश्न मनाया जाए और न ही कुछ ऐसा बयान दिया जाए, जिससे दूसरे पक्ष के दिल को ठेस पहुंचे। हमें इस तरह का प्रदर्शन करना चाहिए, जिससे आपसी भाईचारा और एकता को बढ़ावा मिले। देश के संविधान, कानून और न्यायालय पर पूरा भरोसा कायम रखने की जरूरत है।

आरएएसएस की तरफ से शांति की अपील को लेकर मौलाना ने कहा, हिन्दू संगठनों की तरफ से भी सौहर्द्र की बातें होना सकारात्मकता को दर्शाता है। यह प्रयास दोनों तरफ से होगा तो निश्चित ही अमन कायम रहेगा। ऑल इंडिया बाबरी एक्शन कमेटी के चेयरमैन जफरयाब जिलानी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरे देश को मानना होगा। मध्यस्थता कहीं चली नहीं है। आरएएसएस वालों के दिल में हम बैठे नहीं हैं। अगर वे शांति और सौहार्द्र की बात करते हैं तो अच्छी बात है। यह बात उन्हें पहले भी करनी चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पूरे देश पर लागू होगा। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा, हम सबको पैगाम दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सबको मानना चाहिए। चाहे फैसला पक्ष में हो या न हो। किसी प्रकार का कोई हुड़दंग दोनों सामुदायों की तरफ से नहीं होनी चाहिए।

कल्बे सादिक ने विवादित जमीन हिन्दुओं को देने की अपनी व्यक्तिगत इच्छा जाहिर की थी। इस पर जव्वाद ने कहा, सादिक साहब यह बात बहुत पहले से कह रहे हैं। लेकिन इस मामले में किसी पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। क्योंकि मस्जिद की जमीन अल्लाह की होती है किसी की व्यक्तिगत नहीं होती है। किसी की कोई बात मानता नहीं है। अब तो जो होना है वह सुप्रीमकोर्ट से होगा। इसका निर्णय सभी को मानना होगा।ज्ञात हो कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 40 दिनों तक चली है।

-- आईएएनएस

Created On :   2 Nov 2019 9:30 PM IST

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