पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा, तबलीगी जमात ने जानबूझकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की

The police told the High Court, Tablighi Jamaat deliberately disobeyed the orders of the government
पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा, तबलीगी जमात ने जानबूझकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की
पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा, तबलीगी जमात ने जानबूझकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि तबलीगी जमात ने लॉकडाउन के संबंध में सरकार के आदेशों की लापरवाही बरतते हुए जानबूझकर खतरनाक अवहेलना की। पुलिस ने कहा कि जमात ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच सामाजिक दूर के मानदंडों का उल्लंघन किया।

पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र के तबलीगी जमात मरकज के अधिकारियों से दिल्ली पुलिस द्वारा संपर्क किया गया था। पुलिस ने बताया कि मुफ्ती शहजाद नामक व्यक्ति को कोविड-19 के प्रसार से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया गया था और उनसे बीमारी के प्रसार को रोकने के मद्देनजर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।

उन्हें विदेशी जमातियों को उनके संबंधित देशों और अन्य भारतीय व्यक्तियों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजने के लिए निर्देशित किया गया था। पुलिस ने अदालत को बताया, हालांकि किसी ने भी दिल्ली पुलिस के वैध निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, उन्होंने जानबूझकर लापरवाही से इस दिशा में कानून के निर्देशों की अवहेलना की। मौलाना साद (जमात प्रमुख) और मरकज प्रबंधन को लिखित नोटिस भी जारी किए गए, मगर उन्होंने कोई भी सावधानी नहीं बरती

रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि 23 मार्च को व्हाट्सएप पर मौलाना साद की ऑडियो रिकॉडिंग वायरल मिली, जिसमें साद अपने समर्थकों से लॉकडाउन व सामाजिक दूरी की परवाह न करते हुए मरकज के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने को कह रहे थे।

न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश रजनीश भटनागर की खंडपीठ हाईकोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जमात से जुड़े 916 विदेशी नागरिकों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी उन्हें 30 मार्च से जबरन एकांतवास केंद्र में रखने को लेकर सवाल उठाया गया है। इस दौरान संबंधित मामले पर पुलिस ने यह स्टेटस रिपोर्ट दायर की।

अदालत ने दिल्ली पुलिस को 916 विदेशियों में से 20 लोगों द्वारा दायर की गई उक्त याचिका के संबंध में एक नोटिस भी जारी किया है।

स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से आगे बताया गया कि दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है और न ही किसी को हिरासत में लिया है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराधी) राहुल मेहरा और अधिवक्ता चैतन्य गौसेन ने अदालत को सूचित किया कि जांच प्रत्येक दिन के आधार पर की जा रही है।

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन और वकील अशिमा मंडला ने अदालत से अनुरोध किया कि जिन विदेशी नागरिकों की कोविड -19 रिपोर्ट नेगेटिव आई है, उन्हें संस्थागत एकांतवास केंद्र से मुक्त किया जाए।

पुलिस ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि विभिन्न राज्यों के साथ-साथ लगभग 1,300 विदेशी जमाती मरकज परिसर में सामाजिक दूरी से संबंधित मानदंडों का पालन नहीं करते हुए पाए गए।

रिपोर्ट में कहा गया है, किसी को भी फेस मास्क, हाथों के लिए सैनिटाइटर आदि के उपयोग के निदेशरें का पालन करते हुए नहीं देखा गया।

पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि जांच में पता चला है कि इनमें से ज्यादातर विदेशी पर्यटक वीजा या ई-वीजा के आधार पर पहुंचे थे।

 

Created On :   26 May 2020 3:30 PM GMT

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