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- There have been 146 infiltration attempts on the international border since 2014 (IANS Exclusive)
दैनिक भास्कर हिंदी: अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 2014 से घुसपैठ की 146 कोशिशें हुईं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

हाईलाइट
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 2014 से घुसपैठ की 146 कोशिशें हुईं (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर वर्ष 2014 से 15 जून, 2020 के बीच कुल 146 घुसपैठ की कोशिशें हुईं। इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया और पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हुए 25 आतंकवादियों के मंसूबों को भी नाकाम कर दिया गया। सरकारी आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है।
घुसपैठ की ये सभी कोशिशें जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के साथ लगती सीमाओं पर हुईं। आंकड़ों में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों की अधिकतम और राजस्थान में न्यूनतम संख्या दर्ज की गई है।
लगभग साढ़े छह साल (एक जनवरी, 2014 से 15 ,जून 2020 के बीच) की अवधि में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 12 आतंकवादियों को भी पकड़ा है, जिन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लॉन्च पैड के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में भेजा गया था। जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा को बढ़ाने के उद्देश्य से इन आतंकवादियों को सीमा पार कराने की कोशिश की गई थी।
बीएसएफ भारत और पाकिस्तान के बीच 3,323 किलोमीटर सीमा के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए जिम्मेदार नोडल सुरक्षा बल है। दोनों देशों के बीच सीमाओं के माध्यम से किसी भी घुसपैठ के प्रयास को नाकाम करने के अलावा पाकिस्तान की ओर से सीमा के माध्यम से की जाने वाली तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 2.5 लाख कर्मियों वाले मजबूत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बल के जवान सीमा पर तैनात रहते हैं।
बीएसएफ के जवानों ने सीमा के पास 20 जून को एक पाकिस्तानी हेक्साकॉप्टर ड्रोन को मार गिराया था। इस ड्रोन के साथ एक एम-4 कार्बाइन मशीन (अमेरिका निर्मित), दो भरी हुई मैगजीन (60 राउंड) और सात चीनी ग्रेनेड भी था। बीएसएफ के जवानों ने इसे जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में आईबी के पास मार गिराया था।
आईबी और एलओसी की जमीनी रिपोटरें का आकलन करने वाली कई खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रशिक्षित आतंकवादियों को इकट्ठा करेंगे और उन्हें उनके लॉन्चिंग पैड के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे। एक सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान में लॉन्चिंग पैड की संख्या 300 के करीब है।
इन आतंकवादियों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अफगानिस्तान में आईएसआई द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविरों से लाया जाता है। ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों से जुड़े हुए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इस साल 15 जून तक कुल तीन घुसपैठ (जम्मू-कश्मीर में एक और पंजाब में दो) की कोशिशें हुई हैं। इन तीन घुसपैठ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया, जबकि अन्य भागने में सफल रहे।
वर्ष 2019 में छह बार घुसपैठ की कोशिशें हुईं। इनमें तीन जम्मू-कश्मीर और तीन पंजाब सीमाओं के माध्यम से घुसपैठ की कोशिशें की गईं, मगर बीएसएफ ने इन प्रयासों को नाकाम कर दिया।
वर्ष 2018 में घुसपैठ के प्रयास तुलनात्मक रूप से बहुत अधिक रहे। उस दौरान 29 घुसपैठ करने की कोशिश की गई थी। इनमें जम्मू-कश्मीर (21), पंजाब (सात) और राजस्थान (एक) शामिल है। इन प्रयासों को भी बीएसएफ ने नाकाम कर दिया, जिसमें सात आतंकवादी मारे गए और एक को पकड़ लिया गया।
इसके अलावा 2017 में कुल 21 घुसपैठ के प्रयास किए गए और आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर (11) और पंजाब (10) सीमाओं के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की। सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया गया और उन आतंकवादियों में से 10 को भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए बीएसएफ सैनिकों द्वारा ढेर कर दिया गया।
वर्ष 2016 में भी घुसपैठ की काफी कोशिशें हुईं और उस दौरान आतंकवादियों द्वारा 25 बार भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास किया गया। इनमें 19 जम्मू-कश्मीर के माध्यम से और छह पंजाब के माध्यम से कोशिशें हुई थी, मगर सीमा पर मुस्तैद बीएसएफ के जवानों ने 11 घुसपैठियों को पकड़ लिया।
इस अवधि के दौरान सीमा पार से होने वाली घुसपैठ वर्ष 2015 में सबसे अधिक देखी गई। उस दौरान 62 घुसपैठ की कोशिश की गई थी। इनमें से 61 जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब सीमा के माध्यम से घुसपैठ के प्रयास किए गए थे, लेकिन सभी को बीएसएफ द्वारा नाकाम कर दिया गया। वहीं 2014 में केवल तीन घुसपैठ की कोशिश हुई और उसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई थी।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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