ट्रिपल तलाक को SC में चुनौती देने वाली शायरा बानो बीजेपी में होंगी शामिल

Triple talaq petitioner Shayara Bano set to join BJP
ट्रिपल तलाक को SC में चुनौती देने वाली शायरा बानो बीजेपी में होंगी शामिल
ट्रिपल तलाक को SC में चुनौती देने वाली शायरा बानो बीजेपी में होंगी शामिल

डिजिटल डेस्क, देहरादून। ट्रिपल तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली उत्तराखंड की शायरा बानो जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगी। उत्तराखंड के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से मुलाकात कर शायरा ने अपनी यह इच्छा जाहिर की है। वहीं उनके बीजेपी में शामिल होने की खबर आते ही तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। 

 

 

दरअसल शायरा बानों देहरादून स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंची थीं, जहां उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट सहित पार्टी के कई पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान भट्ट ने फूलों का गुलदस्ता देकर बानो का स्वागत किया। शायरा बानो का कहना है, "मुस्लिम महिलाओं की उन्नति के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता से प्रभावित होकर वह बीजेपी में शामिल होना चाहती हैं।" 

 

 

वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय भट्ट ने कहा, यह उन लोगों के लिए संदेश है जो सोचते हैं बीजेपी मुस्लिम विरोध पार्टी है। शायरा बानो का बीजेपी में शामिल होने का फैसला उन लोगों के गाल पर तमाचा है जो बीजेपी को सांप्रदायिक कहते हैं। हम अपने सदस्यों के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। अजय भट्ट ने बताया इसी महीने के अंत में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बानो को सम्मान के साथ पार्टी का सदस्य बनाया जाएगा। हालांकि इसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि 2019 में मुस्लिम महिला वोटर्स को लुभाने के लिए राजनीति से प्रेरित यह कदम उठाया जा रहा है। 

 

 

गौरतलब है कि उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली शायरा बानो की शादी 2002 में इलाहाबाद केरिजवान अहमद से हुई थी। अप्रैल 2015 में रिजवान ने उन्हें तलाक दे दिया था। जिसके बाद शायरा ने तीन तलाक को गलत बताते हुए फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने अपने ससुरालवालों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। पति पर जबरन तलाक देकर मायके भेजने का भी आरोप लगाया था। उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में शायरा ने कहा था, तीन तलाक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। 

Created On :   8 July 2018 5:50 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story