मप्र : स्कूल बस से अगवा मासूमों की हत्या, 6 गिरफ्तार... BJP ने बुलाया बंद

- पुलिस ने वारदात में शामिल सभी 6 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।
- बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक नदी से मिले हैं।
- मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्कूल बस से अगवा किए गए जुड़वा बच्चे देवांश और प्रियांश की निर्मम हत्या कर दी गई है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्कूल बस से अगवा किए गए जुड़वा बच्चे प्रियांश और श्रेयांश की निर्मम हत्या कर दी गई है। बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से मिले हैं। बच्चों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई थी, हालांकि इसके बावजूद इन बच्चों को नहीं बचाया जा सका। पुलिस ने वारदात में शामिल सभी 6 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। इस वारदात का मास्टर माइंड चित्रकूट का ही रहने वाला शख्स पद्म शुक्ला है। वह बजरंग दल के संयोजक विष्णुकांत शुक्ला का भाई है। वारदात के विरोध में जिला भाजपा कमेटी ने सोमवार को सतना बंद बुलाया है।
रीवा जोन के आईजी चंचल शेखर ने बताया, मामले में शामिल 6 आरोपी पद्म शुक्ला, रामकेश, पिंटा यादव, राकेश यादव, राकेश द्विवेदी, आलोक सिंह और विक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए कट्टे, 3 बाइक, एक बोलेरो और फिरौती की रकम भी बरामद की गई है। वारदात का मास्टर माइंड नयागांव थाना क्षेत्र के पद्म शुक्ला जानकी कुंड का रहने वाला है। उसका घर घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर है। उसके पिता रामकरण शुक्ला उर्फ शास्त्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के राम संस्कृत महाविद्यालय में प्राचार्य है और छोटा भाई विष्णुकांत उर्फ छोटू बजरंग दल का क्षेत्र सह संयोजक है।
वारदात में शामिल दूसरा आरोपी रामकेश यादव चित्रकूट में किराए के मकान में रहता था। वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता था। चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के भी दोनों जुड़वा बच्चों को वही ट्यूशन पढ़ाता था। यही वजह थी कि पहचान के डर से फिरौती वसूलने के बाद भी अपहरणकर्ताओं ने दोनों बच्चों की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। अन्य आरोपियों में विक्रमजीत सिंह बिहार के बदलापुर का रहने वाला है। वहीं राजू द्विवेदी यूपी के बांदा जिले के बबेरु थाना अंतर्गत भवुआ, रामकेश यादव बांदा, आलोक उर्फ लकी सिंह तोमर तेंदुरा थाना बिसंडा और पिंटू उर्फ पिंटा यादव गुरदहा जिला हमीरपुर का रहने वाला है।
आईजी ने बताया कि फिरौती के लिए अपहृत बच्चों के पिता से संपर्क करने के लिए कई लेयर वाली इंटरनेट कॉलिंग का उपयोग करते थे। इन आरोपियों में से एक ने आईटी में इंजीनियरिंग की थी। जबकि एक और आईटी में इंजीनियरिंग कर रहा था। बदमाशों ने 2 करोड़ की फिरौती के लिए बृजेश रावत को पहला फोन 14 फरवरी को किया था। इतना ही नहीं आरोपियों ने फिरोती की धमकी देने के लिए एक राहगीर के मोबाइल का भी इस्तेमाल किया था। हालांकि जब राहगीर को शक हुआ तो उसने बदमाशों के बाइक का नंबर यूपी 90 एल 5707 नोट कर पुलिस को इत्तला कर दी। बृजेश रावत ने उनके बच्चों की रिहाई की एवज में 20 लाख रुपए की फिरौती भी दे दी थी।
आईजी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने वारदात में जिन वाहनों का इस्तेमाल किया था उसपर बीजेपी और बजरंग दल का झंडा लगा हुआ था। इसी वजह से अपहरणकर्ताओं को बच्चों को दूसरी जगह ले जाने में कोई परेशानी नहीं हुई। मामले में बीजेपी और बजरंगदल का कनेक्शन जुड़ने के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमत्री कमलनाथ ने कहा है कि विपक्ष डरा हुआ है। इस वारदात में उनके कई लोग शामिल है। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों के पिता से उनकी बात हुई है और उन्होंने बच्चों के पिता को न्याय का पूरा भरोसा दिलाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चौहान ने कहा कि शांति का टापू कहा जाने वाला मध्य प्रदेश दो महीने में ही अपराध का महाद्वीप बन गया। आज मन बहुत दुखी है, संवेदनाएं बच्चों के परिजनों के साथ हैं। विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश सरकार और प्रशासन चित्रकूट के अपहृत जुड़वा बालकों को अपहरणकर्त्ताओं से मुक्त कराने में 12 दिन बाद भी असफल हुए और अंततः उन स्कूली बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई। लेकिन प्रदेश सरकार ट्रांसफरों में मस्त है, प्रशासनिक रिक्तता और अराजकता भीषण रूप से प्रदेश ने व्याप्त हो चुकी है। प्रदेश में दो उद्योग चल रहे हैं अपहरण और ट्रांसफर।
बता दें कि उत्तर प्रदेश चित्रकूट धाम (कर्वी) के रामघाट के रहने वाले दोनों बच्चों की उम्र महज 6 साल थी। आयुर्वेदिक तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के दोनों बच्चे चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे। वे 12 फरवरी को दोपहर करीब एक बजे सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल की छुट्टी के बाद बस से घर लौट रहे थे। स्कूल परिसर में ही बाइक से आए दो अज्ञात युवकों ने पिस्तौल दिखाकर बस को रोका और बच्चों को अगवा कर लिया था। यह वारदात सीसीटीवी में भी कैद हुई थी। इस मामले की जांच के लिए एमपी-यूपी की 26 पुलिस टीम के साथ एसटीएफ की टीम बच्चों की तलाश में कर रही थी।
Created On :   24 Feb 2019 5:48 PM IST